हैदराबाद में 8 शेरों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने के बाद राजस्थान वन विभाग ने भी इस मामले को लेकर हाई अलर्ट जारी कर दिया है।
मामले को लेकर वन विभाग के आला अधिकारियों ने सभी टाइगर रिजर्व, बायोलॉजिकल पार्क और जू के अधिकारियों की अहम विडियो कॉन्फ्रेंस कर इस पर मंथन किया है। उसके बाद प्रदेश के जंगलों और जू में बाघ, बघेरों और शेरों सुरक्षा को लेकर आगामी रणनीति तैयार की गई है।
प्रदेश के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक और प्रधान मुख्य वन संरक्षक एम एल मीना ने दिशा निर्देश जारी करते हुए कहा है कि हमें वन्यजीवों तक कोरोना के पहुंचने वाले सभी रास्तों पर खासा ध्यान देना होगा। प्रदेश के टाइगर रिजर्व, बायोलॉजिकल पार्क और जू में पर्यटन 16 अप्रैल से ही बन्द कर दिया गया था। अब एहतियात के तौर पर इन सभी जगह स्टाफ को भी गाइडलाइंस जारी कर दी गई है कि वे एडवाइजरी का पूरा ध्यान रखें।
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टाइगर रिजर्व, बायोलॉजिकल पार्क और जू में वन विभाग स्टाफ को सीमित रखेगा। वैक्सीनेशन होने के बाद या RT PCR रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही स्टाफ को ऐसी जगह पर एंट्री देगा। शेर और बाघ के आसपास के केअर टेकर या टाइगर ट्रैकिंग स्टाफ में बार बार बदली नहीं कि जायेगी। मास्क, सेनिटाइजर और डिस्टनसिंग का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा।
जू और बायोलॉजिकल पार्क में शेर, बाघ और बघेरों को फिलहाल दिया जाने वाला मांस अब उबालकर दिया जाएगा। मामले में वन विभाग ने बीकानेर पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय राजुवास के विशेषज्ञों से भी राय ली है। उन्हें ऐसे किसी मामले के सामने आने पर तैयार रहने के लिए कहा गया है ताकि किसी भी आपात स्थिति को समय रहते संभाला जा सके।