नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने समता पार्टी की पूर्व अध्यक्ष जया जटेली, दो अन्य को कथित रक्षा सौदे में भ्रष्टाचार में चार साल कैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने जेटली के पूर्व पार्टी सहयोगी गोपाल पचेरवाल, मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) एस. पी. मुरगई को भी चार साल कैद की सजा सुनाई है।
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एक दोषी के वकील विक्रम पंवार ने बताया कि तीनों को 2000-01 भ्रष्टाचार मामले में दिल्ली की एक अदालत ने 4 साल की जेल की सजा सुनाई है।
बता दें कि सीबीआई ने लगभग 20 साल पुराने रक्षा सौदे में कथित भ्रष्टाचार के मामले में समता पार्टी की पूर्व अध्यक्ष जया जेटली और दो अन्य दोषियों को अधिकतम सात साल जेल की सजा देने की बुधवार को मांग की थी। जेटली, पार्टी के उनके पूर्व साथी गोपाल पछेरवाल और मेजर जनरल (सेवानिवृत) एसपी मुरगई को थर्मल इमेजर खरीद में भ्रष्टाचार और आपराधिक षड्यंत्र का दोषी करार देने वाले सीबीआई के विशेष न्यायाधीश वीरेन्द्र भट ने गुरुवार तक के लिए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
यह मामला जनवरी 2001 में न्यूज पोर्टल तहलका पर प्रसारित ‘ऑपरेशन वेस्टएंड’ से सामने आया था। यह एक स्टिंग ऑपरेशन था। कैमरे की निगरानी में हुई सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा था कि दोषियों के साथ सख्ती की जानी चाहिए क्योंकि अपराध की प्रकृति बेहद गंभीर है। उन्हें अधिकतम सात साल के कारावास की सजा सुनाई जानी चाहिए।
आरोप था कि सेना को थर्मल इमेजर की आपूर्ति करने के लिए संदिग्ध कंपनी के प्रतिनिधि के रूप में आए पत्रकार से अभियुक्तों ने रिश्वत स्वीकार की थी। अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि जेटली ने संदिग्ध कंपनी वेस्टेंड इंटरनेशनल के प्रतिनिधि मैथ्यू सैम्युअल से दो लाख रुपये गैर कानूनी तरीके से लिए थे जबकि मुरगई को 20 हजार रुपये मिले। तीनों आरोपियों के साथ सुरेंद्र कुमार सुरेखा आपराधिक साजिश के मामले में पक्षकार थे, लेकिन सुरेखा बाद में सरकारी गवाह बन गए।