नई दिल्ली| भारतीय कपास की चीन में बिक्री में लगभग 20 प्रतिशत तक की गिरावट आने के बावजूद देश कम लगात के अपने इस माल और अमेरिका में अपने कपड़ा कारोबारियों की मौजूदगी का लाभ उठा सकता है। इंडिया रेटिंग की एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के सूती-धागा कारोबारी चीन के बाजार पर कुछ अधिक ही निर्भर हैं। चीन को सूती धागे का निर्यात, जून 2020 में समाप्त हुई तीन महीनों में, कमजोर मांग तथा वियतनाम और पाकिस्तान से बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण लगभग 20 प्रतिशत तक कम हो गया।
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हालांकि, व्यापार-युद्ध (अमेरिका और चीन के बीच) के विस्तार और श्रम-संबंधी मुद्दे पड़ोसी देशों से अतिरिक्त यार्न और कपास की मांग के कारण निर्यात बढ़कर पांच लाख टन और 80 से एक करोड़ गांठ की हो साकती है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान और ब्राजील जैसे देशों को चीनके बाजार में तरजीह मिलती है। लेकिन, भारत कम लागत वाली कच्चे माल की उपलब्धता और अमेरिका में भारतीय कपड़ा व्यापारियों की मौजूदगी को देखते हुए, लाभ कमा सकता है।