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शिक्षा के बिना देश नहीं बन सकता प्रगतिशील : आनंदीबेन पटेल

Anandiben Patel

Anandiben Patel

देश के नव निर्माण में विश्वविद्यालय के शिक्षकों, विद्यार्थियों की अहम भागीदारी होती है। प्रगति के द्वार शिक्षा से खुलते हैं, बिना शिक्षा के देश प्रगतिशील नहीं बन पायेगा। यह बातें गुरुवार को हरकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी कानपुर के शताब्दी वर्ष समारोह में अति विशिष्ट अतिथि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कही।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति एक समाज सेवी, वकील व सांसद के रुप में सेवा की और गरीब वर्ग के लिये संवेदनशीलता के साथ महत्वपूर्ण कार्य किये हैं। मुझे खुशी है कि राष्ट्रपति उच्च शिक्षा के प्रति सजग हैं और इस अवसर पर उनका मार्गदर्शन हम सबको प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि किसी भी संस्थान के लिये 100 वर्ष पूर्ण करना गौरव का अवसर होता है। यह संस्थान आज अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है यह खुशी की बात है।

कहा कि उच्च शिक्षा में इस संस्थान ने अपना महत्वपूर्ण स्थान बनाया है, इसका श्रेय यहां के प्रबुद्ध शिक्षक वर्ग व छात्रों व सशक्त एलुमिनाई को जाता है। इस संस्थान द्वारा सरकार की महत्वाकांक्षी योजना एक जिला एक उत्पाद में अपना योगदान दे रहे हैं और राष्ट्रीय एवं अन्तर-राष्ट्रीय की कंपनियों में शीर्ष स्थानों में पहुंचकर उस कंपनी तथा देश के औद्योगिक विकास में अपनी अहम भूमिका निभाकर रोजगार के अवसर प्रदान करने का कार्य रहे हैं।

राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा संचालित पाठ्यक्रमों को बढ़ाकर एवं उच्चीकरण वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरुप कुशल मानव संसाधन उपलब्ध कराये जाते हैं। साथ ही विश्वविद्यालय द्वारा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षण प्रदान करने का कार्य किया जा रहा है। उच्च शिक्षा महत्वपूर्ण है और इसमें तकनीकी शिक्षा विशेष महत्वपूर्ण स्थान है।

कहा कि विश्वविद्यालय को प्रयास करना चाहिये कि सभी क्षेत्रों में अद्यतन, पारदर्शी व जवाबदेही प्रणाली तैयार करें, जिससे इस विश्वविद्यालय को अच्छी ग्रेडिंग व अच्छा अनुदान मिले तथा यह संस्थान देश-विदेश के प्रतिष्ठित संस्थानों की सूची में सम्मिलित होकर प्रदेश का नाम रोशन करें।

उन्होंने कहा कि देश को समृद्धशाली बनाने के लिये प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने की आवश्यकता है, इसी से उच्च शिक्षा में भी सुधार होगा। हमें शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को संस्कारवान बनाना होगा जिससे उनके चरित्र की सुदृढ़ नींव मजबूत हो सके। विश्वविद्यालय की जिम्मेदारी केवल पठन-पाठन तक ही सीमित नहीं रहती, छात्रों के मन मस्तिक में देश व समाज सेवा का भाव विकसित करना भी है। विश्वविद्यालय को कुपोषण जैसी समस्या के प्रति सजग होना चाहिये। उन्होंने बताया कि एक सर्वे के अनुसार 15 से 19 वर्ष की बालिकाओं में 40 प्रतिशत बालिकाएं एनिमिक पायी गयी जो कि चिन्ता का विषय है।

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उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थाओं में अध्यनरत सभी बालिकाओं का ब्लड टेस्ट होना चाहिये जिससे उन्हें एनिमिक होने से बाहर निकाल कर उन्हें सशक्त बनाया जा सके। शिक्षा सार्थक वही होती है जब आप मिलनशील व संवेदनशील हो। राष्ट्रपिता महात्मागांधी ने कहा था कि सारे शोध व विकास का लाभ समाज के अन्तिम छोर तक पहुंचना चाहिये, तभी हमारे देश का सच्चे अर्थों में विकास होगा। उन्होंने छात्र-छात्राओं से अपेक्षा की कि वह शिक्षा के माध्यम से गरीबों व वंचितों के परिवारों को जोड़कर उनके सहायक बने। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा 10 टीबी मरीजों को गोद लिया गया जो कि अब पूरी तरह से स्वस्थ्य हो चुके हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूरे भारत को 2025 तक टीबी रोग से मुक्त कराने का जो संकल्प लिया है, इस लक्ष्य को हासिल करने के लिये टीबी रोग के प्रति जागरुकता अभियान में सबलोग बढ़-चढ़ कर योगदान दें। उन्होंने राष्ट्रपति का कार्यक्रम में उपस्थित होने पर आभार व्यक्त करते हुये शताब्दी वर्ष के आयोजन के अवसर पर विश्वविद्यालय के एलुमिनाई, शिक्षकों, छात्रों को बधाई देते हुये उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

नई शिक्षा नीति अपनाकर युवाओं के लिए रहे बेहतर रोजगार : जितिन प्रसाद

प्राविधिक शिक्षा मंत्री जितिन प्रसाद ने संबोधित करते हुये कहा कि वर्ष 1921 में स्थापित यह तकनीकी शिक्षण संस्थान आज अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है यह सराहनीय कार्य है। उन्होंने कहा कि संस्थान ने तकनीकी विकास को तीव्र गति प्रदान की है तथा विश्वविद्यालय के पुराने छात्रों ने देश-विदेश में शीर्ष पदों में स्थापित रहकर नीति निर्माण का कार्य कर रहे हैं।

विश्वविद्यालय द्वारा छात्र-छात्राओं को शत-प्रतिशत रोजगार के अवसर प्रदान करने के साथ स्टार्टअप योजना व इनोवेशन के कार्य में छात्र विशेष रुचि ले रहे हैं। विश्वविद्यालय नई शिक्षा नीति को अपना कर युवा शक्ति को और बेहतर रोजगार अवसर प्रदान करेगा।

कुलपति ने शताब्दी वर्षों का किया उल्लेख

कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति डा शमशेर सिंह ने विश्वविद्यालय के द्वारा 100 वर्षों में किये गये उल्लेखनीय कार्यों का विस्तार से विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने टाइम कैप्सूल का जिक्र करते हुये विस्तारपूर्वक जानकारी दी।

इस अवसर पर औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, उच्च शिक्षा राज्यमंत्री नीलिमा कटियार, महापौर प्रमिला पाण्डेय, जिला पंचायत अध्यक्ष स्वप्निल वरुण, सांसद देवेन्द्र सिंह भोले, सत्यदेव पचौरी, सुखराम सिंह यादव सहित विधायक एवं विश्वविद्यालय के एलुमिनाई, शिक्षक एवं छात्र-छात्रायें तथा अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहें।

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