एमपीएमएलए कोर्ट के विशेज जज पवन कुमार राय ने कारापाल व उपकारापाल पर हमला, जेल में पथराव व जानमाल की धमकी देने के एक मामले में अभियुक्त मुख्तार अंसारी को पेश करने का आदेश दिया है। उन्होंने अभियोजन को निर्देश दिया है कि 12 अप्रैल को अभियुक्त को व्यक्तिगत रुप से उपस्थित कराना सुनिश्चित करें। ताकि इस मामले में अग्रिम कार्यवाही हो सके।
इस मामले में मुख्तार के अलावा अभियुक्त युसुफ चिश्ती, आलम, कल्लू पंडित व लालजी यादव पर आरोप तय होना है। युसुफ चिश्ती व आलम न्यायिक हिरासत में जेल में हैं। जबकि कल्लू पंडित व लालजी यादव जमानत पर रिहा हैं।
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लेकिन पिछली कई तारीखों से मुख्तार अंसारी की अनुपस्थिति से आरोप तय नहीं हो पा रहा है। विवेचना के बाद इस मामले में अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 336, 353 व 508 में आरोप पत्र दाखिल किया गया था।
ये था पूरा मामला
तीन अप्रैल, 2000 को इस मामले की एफआईआर लखनऊ के करापाल एसएन द्विवेदी ने थाना आलमबाग में दर्ज कराई थी। इस मामले में मुख्तार अंसारी, युसुफ चिश्ती, आलम, कल्लू पंडित व लालजी यादव आदि को नामजद किया गया था। एफआईआर के मुताबिक पेशी से वापस आए बंदियों को जेल में दाखिल कराया जा रहा था।
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इनमें से एक बंदी चांद को विधायक मुख्तार अंसारी के साथ के लोग बुरी तरीके से मारने लगे। आवाज सुनकर कारापाल एसएन द्विवेदी व उपकारापाल बैजनाथ राम चौरसिया तथा कुछ अन्य बंदीरक्षक उसे बचाने का प्रयास करने लगे। इस पर उन्होंने इन दोनों जेल अधिकारियों व प्रधान बंदीरक्षक स्वामी दयाल अवस्थी पर हमला बोल दिया। किसी तरह अलार्म बजाकर स्थिति को नियंत्रित किया गया। अलार्म बजने पर यह सभी भागने लगे। साथ ही इन जेल अधिकारियों पर पथराव करते हुए जानमाल की धमकी भी देने लगे।