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यूपी विधानसभा में लगी अदालत, कटघरे में खड़े हुए पुलिसकर्मी, जानें पूरा मामला

UP Assembly

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा (UP Assembly) में आज अदालत लगी है और इस अदालत में कोई और नहीं बल्कि खुद पुलिसकर्मी ही कटघरे में खड़े नजर आए हैं। दरअसल विशेषाधिकार हनन और सदन की अवमानना के मामले में 6 पुलिसकर्मियों को विधानसभा में पेश किया गया है। जहां अदालत विधायक की पिटाई करने के मामले में सीओ समेत छह पुलिसकर्मियों को सजा सुनाएगी। विधानसभा में सुनवाई के बाद सभी पुलिसकर्मियों को दंड सुनाया जाएगा। बता दें कि लगभग 19 साल बाद दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होने जा रही है।

दरअसल मामला 2004 का है। इस मामले में 19 साल पहले इन पुलिसकर्मियों को दोषी ठहराया जा चुका है, लेकिन आज सजा का ऐलान हो सकता है। खास बात ये है कि सदन के निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकेगी। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने 2004 में हुई घटना के जिम्मेदार पुलिसकर्मियों पर विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव रखा था। इससे पहले 1964 में यूपी विधानसभा में कटघरे में सुनवाई की गई थी।

ये है पूरा मामला

2004 की सपा सरकार के समय बिजली कटौती के मामले को लेकर सतीश महाना जो फिलहाल विधानसभा अध्यक्ष हैं, कानपुर में धरने पर बैठे थे। उस समय प्रशांत त्रिवेदी कानपुर के डीएम हुआ करते थे। करीब 3-4 दिन के धरने के बाद सतीश महाना तत्कालीन डीएम प्रशांत त्रिवेदी से मिलने गए तो दोनों के बीच विवाद हो गया। इसके बाद सतीश महाना उनके सामने ही धरने पर बैठ गए। इस धरने को जब 4 दिन बीत गए तो बीजेपी ने तय किया था कि अलग अलग विधानसभाओं (UP Assembly) से लोग जुलूस बनाकर उनके धरने में समर्थन के लिए पहुंचेंगे।

उस समय पार्टी के तमाम विधायक और नेता उनके समर्थन में जा रहे थे, तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इस लाठीचार्ज में उस समय विधानसभा सदस्य रहे सलिल विश्नोई की टांग टूटी थी और वो महीनों बेड पर रहे। इसके बाद सलिल विश्नोई ने 25 अक्टूबर 2004 को विशेषाधिकार हनन और सदन की अवमानना की सूचना दी। जिसके बाद सदन की विशेषाधिकार समिति में करीब डेढ़ साल सुनवाई हुई और इन पुलिसकर्मियों को सर्वसम्मति से दोषी पाया गया था, लेकिन आज तक सजा नहीं हुई थी।

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अब इस मामले में आज विधानसभा सदन (UP Assembly) में सुनवाई होगी। इस दौरान विशेषाधिकार हनन और सदन की अवमानना के मामले में 6 पुलिसकर्मी कटघरे में खड़े हैं और सदन सुनवाई कर रहा है। इस सुनवाई में अगर इन पुलिसकर्मियों को सजा सुनाई गई तो वहीं से उन्हें जेल भेजा जा सकता है।

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