काठमाडू। नेपाली सेना (Nepal Army) के मेजर जनरल प्रेम शाही के खिलाफ कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी (Court of Inquiry) में दो और सैन्य अधिकारियों को पूछताछ के लिए घसीटा गया है। भ्रष्टाचार के आरोप में जांच के दायरे में चल रहे जनरल प्रेम शाही से जुड़े कर्नल महेंद्र जंग शाह और कुलदीप तिमिल सेना को भी गिरफ्तार करके जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है।
नेपाली सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल कृष्ण प्रसाद भंडारी ने शाह और तिमिलसेना के खिलाफ भी जांच किये जाने की पुष्टि की है। नेपाल सेना के प्रमुख जनरल प्रभुराम शर्मा ने कुछ दिन पहले पश्चिम नेपाल के बुटवल में आयोजित एक कार्यक्रम में सेना की आलोचना करने वालों के खिलाफ सतर्कता बरतने की बात कही थी, जिसके बाद सेना के इन दो और अधिकारियों को भी जांच के लिए हिरासत में ले लिया गया है। इससे पहले मेजर जनरल प्रेम शाही को हिरासत में लेने के बाद कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी (Court of Inquiry) के आदेश देकर 3 जनवरी से एक सैन्य अदालत का गठन किया गया है।
दरअसल, मेजर जनरल प्रेम शाही को पूर्व जनरल पूर्णचंद्र थापा का सबसे करीबी सैन्य अधिकारी माना जाता था। थापा के पूरे कार्यकाल में वे सेना की महत्वपूर्ण एजेंसियों में कार्यरत रहे। मेजर जनरल प्रेम शाही पर उनके शैक्षिक प्रमाण पत्र में उम्र के अंतर के कारण मुकदमा चलाया गया था। हालांकि, वह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और केस जीत गए।
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इससे पहले पूर्व सेनापति पूर्णचंद्र थापा ने कमान संभालने के तुरंत बाद सार्वजनिक तौर पर सेना में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस अपनाने की बात कहकर कठोर कार्रवाई की थी। अब वर्तमान सेनापति प्रभुराम शर्मा ने पूर्व सेनापति थापा के मुकाबले खुद को मजबूती से पेश किया है।