नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) समेत कई नेताओं पर कथित तौर पर चुनावी बॉन्ड (Electoral Bonds) के जरिए जबरन वसूली का आरोप लगा है। इस मामले में बेंगलुरु की एक विशेष लोक अदालत ने इस शिकायत पर सुनवाई करते हुए वित्त मंत्री व अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। जनाधिकार संघर्ष परिषद (जेएसपी) के सह-अध्यक्ष आदर्श अय्यर ने कोर्ट में शिकायत कर वित्तमंत्री (Nirmala Sitharaman) के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आदर्श अय्यर ने बेंगलुरु में जनप्रतिनिधियों के खिलाफ शिकायत में कहा था कि चुनावी बॉन्ड के जरिए डरा-धमकाकर जबरन वसूली की गई। इस मामले में जन अधिकार संघर्ष परिषद ने पिछले साल अप्रैल में 42वें एसीएमएम कोर्ट में याचिका दायर कर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) , ईडी अधिकारियों, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda), भाजपा के तत्कालीन कर्नाटक अध्यक्ष नलिन कुमार कटील, पार्टी के अन्य राष्ट्रीय नेताओं, बी वाई विजयेंद्र, केंद्रीय व राज्य भाजपा कार्यालय के खिलाफ शिकायत की थी।
शिकायत में दावा किया गया है कि अप्रैल 2019 से अगस्त 2022 तक व्यवसायी अनिल अग्रवाल की फर्म से लगभग 230 करोड़ रुपये और अरबिंदो फार्मेसी से 49 करोड़ रुपये चुनावी बॉन्ड के माध्यम से वसूले गए। इस मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने बेंगलुरु के तिलक नगर पुलिस स्टेशन को चुनावी बॉन्ड के जरिए जबरन वसूली के मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है।
एसीएमएम कोर्ट ने एक आदेश जारी कर शिकायत की एक प्रति और रिकॉर्ड थाने को भेजने का निर्देश भी दिया है। एफआईआर लंबित होने के कारण सुनवाई 10 तारीख तक के लिए टाल दी गई है।