प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की नागरिकता मामले में जवाब देने के लिए केंद्र सरकार को और समय दे दिया है। कोर्ट में दाखिल एक जनहित याचिका में राहुल गांधी पर कथित तौर पर अपनी ब्रिटिश नागरिकता छिपाने का आरोप लगाया गया है। साथ ही उनके 2024 के संसदीय चुनाव को रद्द करने की मांग की गई है।
जस्टिस एआर मसूदी और जज एके श्रीवास्तव की पीठ ने कर्नाटक बीजेपी कार्यकर्ता एस विग्नेश शिशिर की जनहित याचिका पर यह आदेश पारित किया। पिछले साल नवंबर में याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केंद्र सरकार से याचिकाकर्ता के रिपोर्ट पर उसके फैसले की जानकारी मांगी थी। इसपर केंद्र सरकार के वकील ने बताया कि संबंधित मंत्रालय ने ब्रिटेन सरकार को इसके बाबत पत्र लिखा है।
केंद्र सरकार के वकील ने पीठ को बताया कि याचिकाकर्ता के रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए संबंधित मंत्रालय ने ब्रिटेन सरकार को पत्र लिखा। जिसमें राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की कथित ब्रिटिश नागरिकता के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी गई है। उन्होंने कहा कि गांधी के संसदीय चुनाव को रद्द करने की मांग पर अंतिम निर्णय लेने के लिए समय चाहिए। इसलिए केंद्र सरकार ने बार-बार और समय मांगा है।
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ब्रिटिश नागरिक
इसके बाद पीठ ने मामले को 21 अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह में सूचीबद्ध किया। याचिका में याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि उसके पास ब्रिटेन सरकार के सभी दस्तावेज और कुछ ईमेल हैं जो साबित करते हैं कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ब्रिटिश नागरिक हैं। इस वजह से वह भारत में चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हैं। याचिका में यह भी कहा गया है कि राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता भारतीय न्याय संहिता और पासपोर्ट अधिनियम के तहत अपराध है।
‘CBI जांच करने का आदेश दिया जाना चाहिए’
याचिका में कहा गया है कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की दोहरी नागरिकता एक अपराध है, इसलिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को मामला दर्ज कर जांच करने का आदेश दिया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि उन्होंने लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता के बारे में सक्षम प्राधिकारी को दो बार शिकायत भेजी, लेकिन उनके द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किए जाने के बाद वर्तमान याचिका दायर की गई है।