बांदा की विशेष अदालत ने बाल यौन शोषण मामले में पिछले आठ दिनों से न्यायिक हिरासत के तहत जेल में बंद सिंचाई विभाग के निलंबित कनिष्ठ अभियंता (जेई) को बुधवार को पांच दिन के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की हिरासत में देने का आदेश दिया।
पॉक्सो अधिनियम के विशेष लोक अभियोजक रामसुफल सिंह ने बताया कि अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (पॉक्सो) के न्यायाधीश मोहम्मद रिजवान अहमद की अदालत से सीबीआई को बाल यौन शोषण मामले में 18 नवंबर से न्यायिक हिरासत के तहत बांदा की जेल में बंद सिंचाई विभाग के निलंबित कनिष्ठ अभियंता (जेई) की पांच दिन की हिरासत मिल गयी है। उन्होंने बताया कि अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि सीबीआई के अधिकारी बृहस्पतिवार को सुबह दस बजे जेल से जेई को अपनी हिरासत में लेंगे और 30 नवंबर को शाम चार बजे तक दोबारा जेल पहुचाएंगे।
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आदेश के मुताबिक इस दौरान सीबीआई के अधिकारी कोरोना वायरस संबंधी दिशा निर्देशों का विधिवत पालन करेंगे और आरोपित के कोरोना उपचार का ध्यान भी देंगे। गौरतलब है कि 23 नवंबर को आई जांच रिपोर्ट में आरोपित जेई रामभवन कोरोना वायरस से संक्रमित भी पाया गया है। जेल अस्पताल में उसका इलाज किया जा रहा है।
बता दें कि सीबीआई ने बाल यौन शोषण और उनकी अश्लील वीडियो व फोटो पॉर्न वेबसाइट को बेचने से जुड़ा एक मामला 31 अक्टूबर को दर्ज कर चित्रकूट में तैनात सिंचाई विभाग के कनिष्ठ अभियंता रामभवन को आधिकारिक तौर पर 16 नवंबर को गिरफ्तार कर बांदा की पॉक्सो अदालत में 18 नवंबर को पेश किया था और पांच दिन के लिए उसे अपनी हिरासत में लेने के लिए अर्जी दाखिल की थी। तब से जेई 30 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में जेल में बंद है। हिरासत पर लेने की अर्जी पर सुनवाई मंगलवार को पूरी हो गयी थी, मगर फैसला बुधवार शाम साढ़े चार बजे सुनाया गया।