उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले की एक अदालत ने एक व्यक्ति की हत्या के मामले में दोषी पाए गए चार व्यक्तियों को मंगलवार को उम्रकैद की सजा सुनाई और उन पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
जिले के शासकीय अधिवक्ता राजेश दुबे ने बुधवार को बताया कि शहर कोतवाली क्षेत्र के मऊमाफी गांव के रहने वाले सरजू प्रसाद तिवारी ने प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। प्राथमिकी के अनुसार, विक्रम सिंह, जंडैल सिंह, मोरू राजा और मोनू राजा ने तिवारी के भाई रामरतन और भतीजे राजेश पर मटका तोड़ने का आरोप लगाते हुए उन्हें लाठियों से पीटा, जिससे दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए।
घटना, 17 जून 2009 को मऊमाफी गांव में शाम साढ़े सात बजे हुई थी। दुबे ने बताया कि घायलों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया था जहां चिकित्सकों ने रामरतन को मृत घोषित कर दिया।
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दुबे ने बताया कि अभियोजन और बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (न्यू कोर्ट) के न्यायाधीश अनुपम गोयल की अदालत ने मंगलवार को विक्रम सिंह, जंडैल सिंह, मोरू राजा व मोनू राजा को रामरतन की हत्या का दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई और सभी पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया। अदालत ने जुर्माने की आधी राशि पीड़ित पक्ष को देने का आदेश दिया।