उत्तर प्रदेश में मथुरा की एक अदालत ने पत्नी के प्रेमी की हत्या करने के आरोप में पति के साथ साथ पत्नी को भी आजीवन कारावास की सजा सुनायी है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार 24 फरवरी 2018 को नौहझील थाना क्षेत्र के कोलाना गांव में अपने भाइयों योगेन्द्र सिह एवं प्रमेन्द्र सिंह के साथ खेत की बाउन्ड्री बना रहा जगदीश प्रसाद का बड़ा बेटा हरेन्द्र सिंह पिता से पूछकर दोपहर खाना खाने के लिए घर आ गया था। उसके कुछ समय बाद उसका दूसरा बेटा योगेन्द्र जब खाना खाने आया तो उसने अपने बड़े भाई को गांव के ही 39 वर्षीय टेकचन्द्र पुत्र बने सिंह के मकान में घुसते हुए देखा था।
हरेन्द्र के दो घंटे से अधिक समय बाद तक भी वापस न आने पर जगदीश ने अपने दोनेा बेटों को उसे बुलाने भेजा। उन्होंने पहले टेकचन्द्र के घर में अपने भाई को आवाज दी और फिर इधर उधर देखा तो पाया कि उनका भाई टेकचन्द्र के मकान के पीछे मृत अवस्था में पड़ा हुआ है तथा उसके शव के पास से टेकचन्द्र और उसकी 32 वर्षीय पत्नी रजनी वापस आ रहे है। हरेन्द्र के सिर पर डंडा से मारकर व गला घोटकर हत्या की गई थी।
मस्जिद की सीढियो पर मिला प्रधानाचार्य का शव, हत्या की आशंका
जगदीश का आरोप था कि उसने अपने बेटे हरेन्द्र सिंह को 35 हजार रूपए बाजना निवासी बिल्डिंग मैटीरियल के दुकानदार को देने के लिए उस समय दिए थे जब वह खाना खाने जा रहा था और यह धनराशि टेकचन्द्र के पास है। जगदीश का आरोप था कि उसके बेटे की षड़यंत्र के तहत इसलिए हत्या कर दी गई कि उसके बेटे के टेकचन्द्र की पत्नी से अवैध संबध थे यह बात उसके बेटे ने अपने दोस्त गांव के अजय को बताई थी।
जिला शासकीय अधिवक्ता शिवराम सिंह ने बताया कि बचाव पक्ष ने कम सजा देने का अनुरोध करते हुए कहा था कि रजनी के तीन बेटे है तथा टेकचन्द्र का परिवार गरीब है और वह मजदूरी करके पेट भरता है लेकिन न्यायाधीश ने गुरूवार को दिये फैसले में उनकी दलील को अस्वीकार करते हुए गवाहों के बयान, टेकचन्द्र द्वारा हरेन्द्र सिंह के पीटने की घटना को मृतक की मां उर्मिला द्वारा देखने, फोरेन्जिक रिपोर्ट आदि के आधार पर टेकचन्द्र एवं उसकी पत्नी रजनी को धारा 302 आईपीसी के अन्तर्गत आजीवन कारावास व प्रत्येक पर आठ आठ हजार का जुर्माना तथा जुर्माना न देने पर पन्द्रह पन्द्रह दिन की अतिरिक्त सजा, धारा 201 आईपीसी मे पांच पांच साल की सजा और पांच पांच हजार जुर्माना तथा जुर्माना न अदा करने पर दस दस दिन की अतिरिक्त सजा भोगने का आदेश दिया । सभी सजाए साथ साथ चलेंगी। विद्वान न्यायाधीश ने पीड़ित के परिवार को जुर्माने की राशि से 25 हजार रूपए देने का भी आदेश दिया है।