दिल्ली सरकार ने एक बार फिर राष्ट्रीय राजधानी में वैक्सीन की कमी का मुद्दा उठाया है। सरकार का आरोप है कि उसने वैक्सीन की कम्पनी से 67 लाख डोज मांगे थे लेकिन कंपनी ने देने से इंकार कर दिया।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान को-वैक्सीन के पत्र का हवाला देते हुए कहा कि ‘ इस पत्र में साफ साफ लिखा है कि वैक्सीन निर्माता कंपनी केंद्र सरकार के कहने पर ही राज्यों को वैक्सीन दे रहे है, साथ पत्र में ये भी लिखा है कि हम दिल्ली को और वैक्सीन नहीं दे सकते है क्यूंकि हमें केंद्र के हिसाब से ही वैक्सीन देनी है।
दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार को बताना चाहिए कि अगर वैक्सीन विदेशों में नहीं भेजी गई होती, तो दिल्ली और मुंबई के लोगों को दो-दो बार वैक्सीन लगाई जा चुकी होती। हमारे पास जितना भी रिजर्व आया था, सब खत्म हो चुका है, कोवैक्सीन के सेंटर बंद करने पड़े हैं। 17 स्कूलों में 100 से ज्यादा को वैक्सीन के सेंटर बंद करने पड़े हैं। बस हमारे पास कोविशिल्ड के जो सेंटर थे वे चल रहे हैं।
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बता दें कि दिल्ली में अभी दो श्रेणी में वैक्सीनेशन हो रहा है। पहली श्रेणी में हेल्थ केयर वर्कर, फ्रंटलाइन वर्कर और 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन लगायी जा रही है। इस श्रेणी के लिए दिल्ली को अभी तक 43,20,490 वैक्सीन मिली है।
दिल्ली में 11 मई की सुबह तक इसमें से 39.22 लाख वैक्सीन लगाई जा चुकी हैं और 3.98 लाख शेष वैक्सीन उपलब्ध हैं। इसके अलावा 18 से 44 वर्ष तक के लोगों के वैक्सीनेशन के लिए दिल्ली को अभी तक कुल 5.50 लाख डोज मिली हैं जिसमें कोवैक्सीन की डेढ़ लाख और कोविशील्ड की चार लाख डोज शामिल हैं। इनमें से सोमवार की शाम तक 3.30 लाख वैक्सीन लगाई जा चुकी हैं और 2.19 लाख डोज मौजूद थीं।