मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कोविड-19 महामारी से लड़ाई, टीम वर्क, सामूहिक भावना और समाज के प्रत्येक स्तर पर सभी के सहयोग व समन्वय से लड़नी होगी। पिछले 4-5 दिनों में कोरोना केसेज में गिरावट और रिकवरी की दर में वृद्धि एक सुखद संकेत है। उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष के अनुभव का लाभ उठाते हुए एक बार फिर कोरोना को परास्त कर हम इस लड़ाई में सफल होंगे।
मुख्यमंत्री मंगलवार को वर्चुअल माध्यम से विशेषज्ञ चिकित्सकों, इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) और नर्सिंग होम एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ संवाद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार हर जिले में कोविड संक्रमित व्यक्तियों के लिए डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत है। इसके लिए स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा विभाग को कार्यवाही का निर्देश दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि एल-1 सुविधा के 1 लाख 16 हजार बेड उपलब्ध हैं। एल-2 व एल-3 के 65000 बेड उपलब्ध हैं। इन बेड्स की संख्या को दोगुना करने का निर्देश दिया गया है। आरटीपीसीआर टेस्ट की क्षमता 10 मई तक दोगुनी की जाएगी। उन्होंने लैब क्षमता का विस्तार करने का निर्देश दिया है। कहा कि इन प्रयासों में सरकारी क्षेत्र के साथ-साथ निजी क्षेत्र को भी जुड़ना होगा। मुख्यमंत्री कोविड के सम्बन्ध में भ्रांतियों को दूर करने और जागरूकता उत्पन्न करने में निजी क्षेत्र के चिकित्सकों, आईएमए और नर्सिंग होम एसोसिएशन को अपना सक्रिय योगदान करने का आह्वान किया।
कोरोना महामारी पर प्रियंका गांधी ने लिखा इमोशनल पोस्ट, कहा- ‘हम होंगे कामयाब’
इस मौके पर अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने कोविड-19 के संबंध में प्रस्तुतिकरण दिया। मेदान्ता के निदेशक डॉ. राकेश कपूर (लखनऊ), डॉ. राजीव कक्कड़ (कानपुर), डॉ. अनिल ओहरी (वाराणसी), आईएमए अध्यक्ष यूपी डॉ. एमके बंसल, यूपी नर्सिंग होम एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. सुशील सिन्हा, एसजीपीजीआई के निदेशक प्रो. आरके धीमन ने राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की। इन सभी ने आश्वस्त किया कि वे राज्य सरकार के सहयोग व समन्वय से इस संघर्ष में पूरा योगदान देंगे। अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने वेबिनार का संचालन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आईएमए और नर्सिंग होम एसोसिएशन के चिकित्सकों द्वारा मण्डलायुक्तों, अपर निदेशक स्वास्थ्य तथा स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय कर प्रत्येक जिले में कोविड व नॉन कोविड रोगियों के लिए टेलीकंसल्टेशन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि एक बार फिर इस आपदा के समय में सभी को धैर्यपूर्वक संक्रमण की चुनौती का सामना करना है।
कोविड अस्पाल में 15 दिन से भर्ती महिला की मौत, परिजनों ने हंगामे के बीच लगाया यह आरोप
मुख्यमंत्री ने फिर दुहराया कि सभी कोविड संक्रमित गम्भीर मरीजों की देखभाल के लिए बेड्स उपलब्ध कराए जाएं। यदि सरकारी अस्पताल में बेड्स की व्यवस्था न हो पाए, तो निजी अस्पतालों में बेड्स की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। यदि मरीज भुगतान करने में असमर्थ है, तो इसकी व्यवस्था राज्य सरकार करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड संक्रमित कोई भी मरीज इलाज से वंचित न हो। कोविड संक्रमित मरीज की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु की स्थिति में उसके अन्तिम संस्कार की व्यवस्था प्रशासन की देखरेख में पूरे सम्मानजनक रूप से की जाए। इस सम्बन्ध में नगर विकास व पंचायतीराज विभाग को निर्देश दे दिए गए हैं।
मेदांता अस्पताल पहुंचा कांग्रेस का ऑक्सीजन टैंकर, मरीजों के परिजन खुश
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में आवश्यकता के अनुसार ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। ऑक्सीजन का दुरुपयोग हर हाल में रोका जाए। उन्होंने बताया कि पिछले 4 वर्षों में प्रदेश में 3 दर्जन ऑक्सीजन प्लाण्ट्स की स्थापना की गई है। 39 चिकित्सा संस्थानों में ऑक्सीजन प्लाण्ट्स की स्थापना की कार्यवाही चल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि। मीडिया में कोविड को परास्त करने वालों की सफलता की कहानियां प्रसारित-प्रचारित की जाएं। इनसे जनता जागरूक होगी और उसके अन्दर का भय समाप्त होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वरिष्ठ चिकित्सक कोविड अस्पतालों में राउण्ड लें। साफ-सफाई की व्यवस्था रहे। कोविड मरीज का मनोबल बढ़ाया जाए। डॉक्टर्स व पैरामेडिक्स तथा सफाई कर्मी स्वयं का बचाव करते हुए कोविड मरीजों की सेवा करें। डॉक्टर्स व पैरामेडिक्स के संक्रमित होने की स्थिति में प्रशिक्षित मानव संसाधन उपलब्ध रहें, यह सुनिश्चित किया जाए। वेंटीलेटर और एचएफएनसी क्रियाशील रहें। उन्होंने कहा कि हर जिले में हेल्पलाइन की व्यवस्था है। इनमें प्रशिक्षित व संवेदनशील लोगों की ड्यूटी लगायी जाए।