नई दिल्ली। भारत में आय के लिए कृषि के बाद किसान सबसे ज्यादा पशुपालन पर ही निर्भर हैं। ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में देखा जाता है कि किसान खेती के साथ-साथ एक गाय या भैंस का जरूर पालन करते हैं। इससे एक तो गायों (Cows) के गोबर से खेतों के लिए खाद आसानी से उपलब्ध हो जाता है। वहीं दूसरी तरफ किसान दूध (Milk) बेचकर भारी मुनाफा कमा सकते हैं।
किसान अक्सर शिकायत करते हैं कि उनके पशु बेहद ही कम दूध देते हैं। इस वजह से उनका मुनाफा एकदम से गिर जाता है। विशेषज्ञों का कहना है पशुओं को सही चारा ना देने और उचित देखभाल ना करने की वजह कम दूध जैसी समस्याएं आती हैं। ऐसे में पशु विभाग किसानों को लोबिया ( Cowpea) चारे की खेती करने की सलाह दे रही है। लोबिया गायों के लिए फायदेमंद है।
जब गायों में दूध उत्पादन की क्षमता कम हो जाती है तो किसान सप्लीमेंट का उपयोग करने लगते हैं। इन सप्लीमेंट में कई तरह के हानिकारक पदार्थ मिले होते हैं। ऐसे में ये पशुओं को तो नुकसान पहुंचाएंगे, साथ इस तरह का दूध का सेवन करना इंसानों के लिए भी हानिकारक साबित हो सकता है। यहीं वजह है कि सरकार की तरफ से लोबिया चारे को गायों को खिलाने पर जोर दिया जा रहा है, जिससे बिना किसी सप्लीमेंट के पशुओं में दूध का उत्पादन स्तर बढ़कर प्रतिदिन 6 से 7 लीटर हो जाता है।
लोबिया चारे की खास बातें
>अन्य के मुकाबले काफी पाचक है
>क्रूड प्रोटीन मौजूद
> क्रूड फाइबर के तत्व भी मौजूद, जो गायों में दूध उत्पादन का स्तर बढ़ाने में सहायक
अगर किसान भाई इन चारों का कहीं भी उपयोग करना चाहते हैं तो किसी भी बीज केंद्र से इसके बीज को खरीद सकते हैं। फिलहाल बीज केंद्रों पर लोबिया की EC- 4216, UPC-287, UPC-5286, GFC-1, GFC-2, GFC-4 की प्रजातियां मौजूद हैं।