राजकोट। पूरी दुनिया पिछले एक साल से कोरोना से जूझ रही है। इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए दुनिया भर के कई देशों ने लॉकडाउन लगाया गया। इस दौरान घर में बंद लोग उबने लगे और घर से बाहर निकलने के लिए राह तलाशने लगे। आखिरकार, जब लॉकडाउन हटा तब लोगों ने राहत की सांस ली। जब लोग दोबारा से बाहर निकले तब उन्हें आभास हुआ कि आजादी क्या होती है और यह कितनी महत्तवपूर्ण है। सुनने में ये थोड़ा अजीब जरूर लगे लेकिन गुजरात के राजकोट से एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां तीन लोगों- दो भाई और उनकी सगी बहन ने अपने आप को पिछले 10 सालों से दुनिया से पूरी तरह काटा हुआ था और खुद को एक कमरे में बंद किया हुआ था।
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इस बात की जानकारी जब साथी सेवा ग्रुप नाम के एक एनजीओ को मिली तो वो राजकोट के किशनपारा मोहल्ले में पहुंचे और इन तीनों लोगों के कमरे को तोड़कर इन्हें बाहर निकाला। एनजीओ के लोग जब कमरे को तोड़कर दाखिल हुए तो उन्होंने मेघा को शांत करने की कोशिश की, तो उसने लगातार कहा कि ठीक है लेकिन मेघा इस दौरान लगातार खाना मांगती रही और कहती रही कि उसे भाइयों का ध्यान रखना है। इन तीनों के पिता 80 वर्षीय नवीन मेहता ने जब अपने बच्चों के शैक्षिक योग्यता के बारे में जानकारी दी तो सब चौंक गए।
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उनके तीनों बच्चों में सबसे बड़ा 42 साल का है, उसके पास बीए एलएलबी की डिग्री है औऱ वो वकालत करता था। दूसरा ने इकोनोमिक्स में स्नातक किया है जबकि 39 साल की इनकी बहन मेघा ने psychology में एमए किया है। इस समय इनकी हालत दयनीय है,सबसे छोटा लड़का इतना लाचार हो चुका है कि वो खड़ा भी नहीं हो सकता। NGO founder Jalpa Patel ने बताया कि जब वो नवीन मेहता के घर पर पहुंचे तो वो सामान खरीदने बाहर गए हुए थे। कई बार खटकाने के बावजूद भी जब लंबे समय तक दरवाजा नहीं खुला तो उनके लोग घर में कूद गए और दरवाजा तोड़ दिया।
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एनजीओ के लोग जब कमरे को तोड़कर दाखिल हुए तो उन्होंने मेघा को शांत करने की कोशिश की, तो उसने लगातार कहा कि ठीक है लेकिन मेघा इस दौरान लगातार खाना मांगती रही और कहती रही कि उसे भाइयों का ध्यान रखना है। NGO founder Jalpa Patel ने बताया कि जब वो नवीन मेहता के घर पर पहुंचे तो वो सामान खरीदने बाहर गए हुए थे। कई बार खटकाने के बावजूद भी जब लंबे समय तक दरवाजा नहीं खुला तो उनके लोग घर में कूद गए और दरवाजा तोड़ दिया। अब जरा विचार करिए कि क्या इस दुनिया में ऐसे भी लोग होंगे जो 10 साल या इससे भी ज्यादा समय तक एक कमरे में रह सकते हों।