Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

अपराधियों को न खाकी का डर रह गया है और नहीं खादी का : अखिलेश

अखिलेश यादव Akhilesh Yadav

अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा राज में उत्तर प्रदेश को अपराधी प्रदेश बनने की बदनामी भी उठानी पड़ रही है।

श्री यादव ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश के अपराधी भी अब समझ गए हैं कि मुख्यमंत्री जो कहते है उस पर अमल करने वाले नहीं है। प्रदेश से बाहर गए अपराधी वापस आ गए हैं और बेधड़क अपनी अपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहे है। उन्हें न खाकी का डर रह गया है और नहीं खादी का।

उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश को बदायूं में छेड़छाड़ का विरोध करने पर कादर चौक इलाके में एक महिला को तेजाब पिलाया गया और चाकू से उसका पेट फाड़ दिया गया। इस जघन्य काण्ड से इलाके में दहशत है। बांदा में दस्यु प्रभावित क्षेत्र फतेहगंज थाना क्षेत्र के जबरापुर गांव में सर्राफ को बदमाशों ने लूट लिया। पुलिस सूचना के दो घंटे बाद तक नहीं पहुंची। हरदोई में मामूली विवाद में किसान के परिजनों को पीटकर घायल कर दिया गया।

कांग्रेस ने जारी की किताब ‘खेती का खून तीन काले कानून’, बीजेपी खेमे में मचा हड़कंप

मुरादाबाद में ठाकुरद्वारा क्षेत्र के ग्राम शरीफनगर में घर के बाहर खेल रहे तीन साल के बच्चे को बदमाश अपहृत कर ले गए। मजदूर के बेटे का बाद में शव मिला। वाराणसी के सारनाथ क्षेत्र में पंचकोशी पैगम्बरपुर में एक बच्चे का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी गई। पुलिस बच्चों के अपहरण के मामले में निष्क्रिय साबित हुई। बिलखते परिवारों के प्रति खाकी में संवेदनाशून्यता दिखाई दे रही है, यह निंदनीय है।

उन्नाव में रिश्तेदारों द्वारा सम्पत्ति पर कब्जा करने से पीड़ित महिला को अपने पिता का शव लेकर एसपी कार्यालय तक इंसाफ मांगने के लिए जाना पड़ा। लखनऊ में ठाकुरगंज क्षेत्र में जिला बदर बदमाश घर में आराम करता मिला। गोमतीनगर में माई बार में नशे में हुड़दंग करने वालों पर पुलिस मेहरबान रही। लखनऊ में ही गुडम्बा में महिला ने छेड़छाड़ की शिकायत की तो उससे रेप का प्रयास हुआ।

जींद में महापंचायत : राकेश टिकैत का गिरा मंच, आईं हल्की चोटें

सपा अध्यक्ष ने कहा कि वस्तुतः भाजपा के संरक्षण में ही अपराधी पनप रहे हैं। खनन, अवैध शराब और दूसरी अवांछनीय गतिविधियों में खुद भाजपा नेताओं के नाम सामने आए हैं। वैसे भी यह सरकार जाति-धर्म को निगाह में रखकर निर्णय लेती है। वह राजनीतिक द्वेष और बदले की भावना से काम करती है। जनता इस सबसे बुरी तरह आक्रोशित है। वह हालात में बदलाव के लिए 2022 का इंतजार कर रही है।

Exit mobile version