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महिलाओं और बच्चों के प्रकरणों को फास्ट ट्रैक कोर्ट के अधीन लाएं: सीएम धामी

cm dhami

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देहारादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) ने महिलाओं और बच्चों के अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण रखने के निर्देश देते हुए कहा कि सजा और जांच के आंकडों को भी सही ढंग से तैयार कर जनता के बीच में ले जाएं। इसके साथ ही अपराधी किसी दशा में बचने न पाएं। इसलिए ऐसे प्रकरणों को फास्ट ट्रैक कोर्ट के अधीन लाया जाए।

मंगलवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री (CM Dhami) ने प्रदेश में महिलाओं और बाल अपराध की समीक्षा के दौरान यह निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने कहा कि महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध होने वाले अपराधों में अपराधी को सजा दिलाने के लिए प्रकरणों को फास्ट ट्रैक कोर्ट के अधीन लाये जाने की व्यवस्था पर ध्यान दिया जाए। उन्होंने अभियोजन विभाग की मजबूती के लिए अन्य राज्यों की व्यवस्थाओं का भी अध्ययन करने के निर्देश दिये हैं।

मुख्यमंत्री (CM Dhami) ने कहा कि महिलाओं से संबंधित अपराधों में पुलिस जांच त्वरित और समयबद्ध तरीके से सुनिश्चित की जाए। ऐसे मामलों की विवेचना में किसी प्रकार की कमी न रहने पाए। साथ ही न्यायालयों में भी प्रभावी पैरवी सुनिश्चित की जाए ताकि अपराधी किसी दशा में बचने न पाएं। प्रदेश में ऐसा माहौल बने कि कोई भी अपराध करने की सोच भी न पाएं।

मुख्यमंत्री (CM Dhami) ने कहा कि शिकायतकर्ता महिलाओं से भी समय-समय पर फीडबैक लिया जाए। महिला अपराधों से संबंधित मामलों की जनपदों में जिलाधिकारी स्तर पर लगातार समीक्षा की जाए। विवेचना और पैरवी में कमी पाए जाने पर तत्काल उन कमियों को दूर करने का प्रयास करें।

महिलाओं और बच्चों के प्रति अपराधों को रोकने के लिए जन सहभागिता भी जरूरी है। इस संबंध में महिलाओं और बच्चों से जुड़े संगठनों से भी नियमित सम्पर्क रखा जाए। महिलाओं का इसके प्रति विश्वास बढ़े और वे अपनी शिकायतें बिना संकोच के दर्ज करा सकें।

उलझनों को सुलझाने में अहम भूमिका निभाती हैं पुस्तकें

बैठक में बताया गया कि प्रदेश में गौरा शक्ति योजना के तहत थाना स्तर पर महिला हेल्प डेस्क स्थापित की गई है। जनपद व राज्य स्तर पर महिला कांउन्सिल सेल गठित किया गया है। प्रत्येक थाने में एक महिला उपनिरीक्षक और चार महिला कांस्टेबल की तैनाती की गई है। साथ ही महिला अपराधों की विवेचना महिला अधिकारी की ओर से करने की व्यवस्था है।

हर जनपद में स्पेशल टास्क फोर्स गठित: प्रदेश में बाल अपराधों पर नियन्त्रण के लिए प्रत्येक जनपद में विशेष किशोर पुलिस इकाई, बाल कल्याण पुलिस अधिकारी प्रत्येक जनपद में बाल मित्र थाने की स्थापना और पॉक्सो के पर्यवेक्षण के लिए स्पेशल टास्क फोर्स गठित की गई है।

गुमशुदा 2221 बच्चें और 604 महिलाएं बरामद: आपरेशन मुक्ति के तहत 2017 से अब तक प्रदेश में 7670 बच्चों का सत्यापन और 3603 बच्चों का विद्यालयों में दाखिला किया गया है। आपरेशन स्माइल के तहत 2015 से 2021 के मध्य गुमशुदा 2221 बच्चें और 604 महिलाएं बरामद की गई।

बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, सचिव मुख्यमंत्री विनय शंकर पाण्डे, अपर सचिव न्याय सुधीर कुमार सिंह सहित पुलिस और गृह विभाग के उच्च अधिकारी उपस्थित थे।

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