लखनऊ। कानून व्यवस्था को लेकर भले ही विपक्षी दल प्रदेश की भाजपा सरकार पर हमलावर रहा हों लेकिन आकड़े कुछ और ही बयां करते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में अपराधियों ने अपराध छोड़ दिया है या प्रदेश छोड़ने को मजबूर हो गए हैं। जिन्होंने अपराध नहीं छोड़ा वे पुलिस के एनकाउंटर में ढेर हो गए। यही वजह है कि योगी राज में अपराधी थर-थर कांपते हैं।
सरकार के प्रवक्ता ने मंगलवार को जारी एक बयान में बताया कि प्रयागराज की घटना में मारे गए दो बदमाशों के बाद बीते छह साल की बात करें तो मुठभेड़ में लगभग 178 बदमाश मारे गए हैं। मार्च 2017 से अब तक साढ़े दस हजार से अधिक मुठभेड़ हुई है। इनमें 12 पुलिसकर्मियों ने अपने प्राणों की आहूति दी है, जबकि 1400 पुलिसकर्मी घायल हुए।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 में सर्वाधिक 41 अपराधी मारे गए थे। इससे पहले साल 2017 में 28, साल 2019 में 34, साल 2020 में 26, साल 2021 में 26 व पिछले वर्ष 2022 में 14 अपराधी मारे गए हैं। जबकि साल 2023 में अब तक नौ बदमाश मारे गए हैं। बीते छह वर्ष में पुलिस मुठभेड़ में 23 हजार से ज्यादा अपराधी गिरफ्तार किए गए है।
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उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) की सरकार ने प्रदेश की कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सख्त रवैया अपनाया है। जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत अपराधियों की प्रदेश में कोई जगह नहीं है।