Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

नमामि गंगे योजना में करोड़ों का हुआ बंदरबांट : संजय सिंह

sanjay singh

sanjay singh

आम आदमी पार्टी (आप) सांसद संजय सिंह ने गंगा की सफाई के लिए आए 28000 करोड़ के सापेक्ष 8000 करोड़ खर्च करने को लेकर प्रदेश सरकार से श्वेत पत्र लाने की मांग की है। इसके अलावा काशी में सुरसरि के बीचोबीच बन रही नहर को रोकने की मांग करते हुए नमामि गंगे योजना में हजारों करोड़ों की बंदरबांट होने का आरोप लगाया है।

श्री सिंह ने शनिवार को पत्रकारों से कहा कि गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने की हजारों करोड़ों की नमामि गंगे योजना आई। गंगोत्री से लेकर गंगासागर तक गंगा अविरल निर्मल रहे, इसके लिए कई लोगों ने त्याग और बलिदान दिया। प्रोफेसर जीडी अग्रवाल ने जीवन भर गंगा की अविरलता और निर्मलता को लेकर संघर्ष किया लेकिन धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण काशी में नमामि गंगे योजना में हजारों करोड़ की बंदरबांट की गई है।

योगी सरकार को युवाओं की बिलकुल भी चिंता नहीं है : लल्लू

उन्होने कहा कि नमामि गंगे योजना का 28 हजार करोड़ के बजट आया। इस योजना को पूरा करने के लिए नवंबर 2020 का समय निर्धारित था । योगी सरकार ने 28 हजार करोड़ में से मात्र 8000 करोड रुपये ही खर्च किए, गंगा में गंदे नाले गिर रहे है, साफ सफाई पर काम नहीं किया जा रहा है। नमामि गंगे की एक मीटिंग 43 लाख रुपए उड़ा दिए गए । डिस्ट्रिक्ट गंगा कमेटी की इन बैठकों में अभी तक अमरोहा में तीन, बदायूं में एक, बलिया में 13, भदोही में 8, बिजनौर में 3, चंदौली में सात, इटावा में जीरो, फर्रुखाबाद में 12, फतेहपुर में 3, हापुड़ में 9, हरदोई में पांच, मुजफ्फरनगर में जीरो, प्रयागराज में एक, वाराणसी में 13 मीटिंग हुई है।

कोरोना से ज्यादा भाजपा सरकार के कुशासन से जनता त्रस्त है : अखिलेश

आप नेता ने कहा कि गंगा नदी का बीचोबीच में गंगा मैया का सीना चीरकर वहां पर 30 मीटर गहरी नहर बनाई जा रही है। प्रो गंगाविद बीएन मिश्रा का वीडियो दिखा कर गंगा की हालत बताते हुए संजय सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जहां सेल्फी ले रहे थे वहां गंदगी बह रही है। 32 नाले काशी में बहकर गंगा नदी को प्रदूषित कर रहे हैं। कानपुर में गंगा के अंदर तमाम नाले गंगा में गिरते मिले। जहां वरुणा और गंगा का मिलन होता है उस स्थान पर प्रदूषण बेकाबू है। उत्तर प्रदेश के प्रदूषण बोर्ड ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में बताया है गंगा का पानी पीने योग्य नहीं है। गंगा का पानी पीने योग्य नहीं है तो नमामि गंगे योजना का क्या हुआ, समझा जा सकता है। नमामि गंगे योजना सफेद हाथी साबित हो रही है।

Exit mobile version