सागवान (Sagwan) की लकड़ियां लंबे समय तक टिकती हैं. अपनी मजबूती के चलते बाजार में इन सागवान की लकड़ियों की डिमांड ज्यादा रहती है. फर्नीचर, प्लाइवुड के अलावा इसकी लकड़ियों का इस्तेमाल दवा बनाने में भी किया जाता है.
सागवान (Sagwan) के लिए खेत में कितनी हो दूरी
सागवान के पौधे को 8 से 10 फीट की दूरी पर लगाया जा सकता है. ऐसे में अगर किसी किसान के पास 1 एकड़ खेत है तो वो उसमें करीब 500 सागवान के पौधे लगा सकता है. सागवान के लिए 15 डिग्री सेल्सियस से लेकर 40 डिग्री सेल्सियस का तापमान अनुकूल माना जाता है.
सागवान का पौधे की साफ सफाई की खास जरूरत है. पहले साल में तीन बार, दूसरे साल में दो बार और तीसरे साल में एक बार अच्छे से खेतों की सफाई जरूरी है. सफाई के दौरान खरपतवार को पूरी तरह से खेत से बाहर निकाल दें. ये बिना किसी परेशानी के 10 से 12 साल में तैयार हो जाता है.
बैंकों की दो दिनों की हड़ताल स्थगित
सागवान की लकड़ी की सबसे खास बात है कि इसमें दीमक नहीं लगती है. यही वजह है कि ये लंबे समय तक टिकी रहती है. हालांकि, ठंडे स्थानों पर इस पेड़ का विकास काफी प्रभावित होता है. इस वजह से पहाड़ी स्थानों पर इसकी खेती नहीं की जाती है.
सागवान के पत्तों में औषधीय गुण होते हैं, यही कारण है कि इसे जानवर खाना पसंद नहीं करते. साथ ही अगर पेड़ की देखभाल ठीक से की जाए तो इसमें कोई बीमारी भी नहीं लगती और ये बिना किसी परेशानी के 10 से 12 साल में तैयार हो जाता है.
सागवान (Sagwan) के पेड़ से कई सालों तक मिलता है मुनाफा
12 वर्षों के बाद ये पेड़ समय के हिसाब से मोटा होता जाता है, जिससे पेड़ की कीमत भी बढ़ती चली जाती है. सागवान का पेड़ एक बार काटे जाने के बाद फिर से बड़ा होता है और दोबारा इसे काटा जा सकता है. ये पेड़ 100 से 150 फुट ऊंचे होते हैं. इससे आप करोड़ों का मुनाफा कमा सकते हैं.