मुंबई। कोरोना के कारण अर्थव्यवस्था में हुयी गिरावट और त्योहारी सीजन के मद्देनजर मांग बढ़ाने के लिए ब्याज दरों में कमी किये जाने की उम्मीद लगाये लोगों को शुक्रवार को उस समय निराशा हाथ लगी जब रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत दरों को यथावत बनाये रखने का निर्णय लिया। हालांकि समिति ने चालू वित्त वर्ष की शेष अवधि में एकोमोडेटिव रूख बनाये रखने का फैसला किया है जिससे आगे ब्याज दरों में कटौती किये जाने की उम्मीद बनी हुयी है।
Marginal Standing Facility Rate & bank rate remains unchanged at 4.2% and the reverse repo rate stands unchanged at 3.35%: Shaktikanta Das, RBI Governor https://t.co/rmTmNXPLdE
— ANI (@ANI) October 9, 2020
मौद्रिक नीति समिति की यह तीसरी बैठक पहले 29 सितंबर से एक अक्टूबर तक होनी थी लेकिन समिति के तीन बाहरी बाहरी सदस्यों के रूप में नियुक्त डॉ़ चेतन घाटे, डॉ़ पम्मी दुआ और डॉ़ रवीन्द्र ढोलकिया का कार्यकाल 30 सितंबर को समाप्त हो रहा था जिसके कारण इनके स्थान पर नये सदस्यों की नियुक्ति तक बैठक टाल दी गई थी।
मुंबई के इंदिरा गाँधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट रिसर्च की प्रोफेसर डॉ़ असीमा गोयल, अहमदाबाद स्थित भारतीय प्रबंधन संस्थान के वित्त प्रोफेसर डा. जयंत आर. वर्मा और दिल्ली के नेशनल काउंसिल ऑफ अप्लाईड इकोनॉमी रिसर्च के अनुसंधान कार्यक्रम के वरिष्ठ सलाहकार डॉ़ शशांक भिडे की चार वर्षों के लिए नियुक्ति के बाद समिति की तीन दिवसीय बैठक सात अक्टूबर को शुरू हुयी थी।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में हुयी इस बैठक में समिति ने नीतिगत दरों को यथावत बनाये रखने का निर्णय लिया। बैठक में लिए गये निर्णयों की जानकारी देते हुये श्री दास ने कहा कि समिति ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि रेपो दर को चार प्रतिशत, रिवर्स रेपो दर को 3.35 प्रतिशत, बैंक दर को 4.25 प्रतिशत और मार्जिनल स्टैंडिंग फैस्लीलिटी (MSF) को 4.25 प्रतिशत पर यथावत रखा गया है।