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अरब सागर में चक्रवात की दस्तक, इन राज्यों में भारी बारिश की आशंका

Cyclone

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नई दिल्ली: भारत मौसम विज्ञान विभाग ने चेतावनी दी है कि 21 मई के आसपास कर्नाटक के तट से लगे पूर्व-मध्य अरब सागर पर ऊपरी वायुमंडलीय चक्रवाती (Cyclone ) परिसंचरण विकसित हो सकता है। इसके प्रभाव से 22 मई को कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है, जो आगे चलकर उत्तर की ओर बढ़ेगा और तीव्र हो सकता है। अरब सागर में बन रहे चक्रवात के कारण कर्नाटक, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में अगले 2-3 दिनों तक भारी बारिश और आंधी की आशंका है।

तटीय कर्नाटक के लिए रेड अलर्ट

मौसम विभाग ने 21 मई तक के लिए तटीय कर्नाटक को रेड अलर्ट पर रखा है। इस दौरान अत्यधिक भारी बारिश, गरज-चमक के साथ तूफान, तेज हवाएं और बिजली गिरने की संभावना जताई गई है। इसके बाद, 23 और 24 मई को येलो अलर्ट जारी किया गया है, जबकि 22, 25 और 26 मई को ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में भारी बारिश का अलर्ट है और महाराष्ट्र के भी कई हिस्सों में भी आंधी और बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।

बेंगलुरु में भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित

बीते कुछ दिनों में बेंगलुरु में जोरदार बारिश ने शहर को झकझोर दिया। रविवार रात से सोमवार सुबह तक 105 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। बीते 24 घंटे में भी 30 मिमी बारिश दर्ज की गई। भारी बारिश के चलते बेंगलुरु में मंगलवार को ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया।

IMD के बेंगलुरु केंद्र निदेशक एन. पूवियारासु ने बताया कि, शहर के अधिकांश हिस्से कंक्रीट से ढके हुए हैं, जिससे पानी की निकासी बाधित होती है। इसलिए कम बारिश भी यहां गंभीर असर डालती है।

दक्षिण-पश्चिम मानसून जल्दी दे सकता है दस्तक

IMD ने जानकारी दी है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून अगले 4-5 दिनों में केरल में दस्तक दे सकता है, जो सामान्य तिथि (1 जून) से काफी पहले होगा। अगर ऐसा हुआ, तो यह 2009 के बाद मानसून की सबसे जल्दी शुरुआत होगी, जब यह 23 मई को केरल पहुंचा था। मौसम विभाग का कहना है कि परिस्थितियां अरब सागर, लक्षद्वीप, केरल, तमिलनाडु और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में मानसून के विस्तार के लिए अनुकूल बन रही हैं।

बेंगलुरू की सड़कों पर चली नाव, पानी-पानी हुआ शहर

मौसम विभाग और प्रशासन ने लोगों से अत्यधिक सावधानी बरतने, बिजली चमकते समय घर में रहने, जरूरी होने पर ही बाहर निकलने, और सरकारी निर्देशों का पालन करने की अपील की है। विशेष रूप से तटीय इलाकों और बेंगलुरु जैसे शहरों में रहने वाले लोगों को जलभराव, बिजली की लाइन टूटने और दीवार गिरने जैसे हादसों से सावधान रहने की जरूरत है।

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