चित्रकूट। उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में तीन दशकों तक जरायम की दुनिया में आतंक फैलाने वाले दस्यु सम्राट ददुआ गैंग (Dadua Gang) के मास्टरमाइंड व गनर कहे जाने वाले राधे उर्फ सूबेदार पटेल (Radhe) की 14 साल 11 माह बाद जेल से रिहाई हुई। बता दें, चित्रकूट जनपद में दस्यु सम्राट ददुआ गैंग का तीन दशकों तक आतंक रहा है। मायावती की बसपा सरकार में एसटीएफ ने इस गैंग के सात डकैतों को मार गिराया था।
इस गैंग के मास्टरमाइंड व गनर कहे जाने वाला राधे उर्फ सूबेदार पटेल (Radhe) सदर कोतवाली क्षेत्र के सपहा गांव का रहने वाला है। दस्यु सम्राट ददुआ के साथ अपराध की स्याह दुनिया में कदम रखने के बाद इस गैंग ने कई खौफनाक वारदातों को अंजाम दिया था। उसने अपने रुतबे से गैंग में मास्टरमाइंड का दर्जा हासिल कर लिया था। ददुआ के एसटीएफ के हाथों मारे जाने के बाद 24 फरवरी 2008 को राधे उर्फ सूबेदार पटेल ने अपने चार साथियों के साथ मध्य प्रदेश के बरौंधा थाने में सरेंडर किया था।
इस पर लूट, हत्या, डकैती जैसे संगीन आपराध के 100 से ज्यादा संगीन मामले न्यायालय में विचाराधीन थे। करीब 8 मामलों में जिला न्यायालय ने दोषी करार देते हुए उम्र कैद और फांसी की सजा भी सुनाई थी। निचली अदालत के इस फैसले को आरोपी डकैत ने उच्च न्यायालय में चुनौती थी। जिस पर अदालत ने उसकी रिहाई के आदेश जारी किए। इसके बाद सोमवार देर शाम इनामी डकैत राधे और सूबेदार की रिहाई हो गई है।
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पूर्व डकैत राधे के जेल से बाहर निकलते ही लोगों ने फूल माला पहनाकर उसका स्वागत किया। लगभग पंद्रह वर्षों बाद जेल से बाहर निकलने के बाद इनामी डकैत रहे राधे उर्फ सूबेदार का कहना है कि अब वह सामाजिक जीवन जिएग और समाज की सेवा करेगा। पूर्व में किए हुए अपराधों के लिए उन्हें पश्चाताप है।