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इस दिन फोड़ी जाएगी दही हांडी, जाने शुभ मुहूर्त और महत्व

Dahi Handi

Dahi Handi

देशभर में कृष्ण जन्माष्टमी की धूम है। हर कोई श्री कृष्ण की भक्ती में लीन नजर आ रहा है। हर तरफ श्रीकृष्ण के जयकारे गूंज रहे हैं। गृहस्थ जीवन वाले लोग आज यानी 6 सितंबर को कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत रख रहे हैं और रात 12 बजे कृष्ण का जन्म कराएंगे। इसके बाद अगले दिन दही हांडी (Dahi Handi) फोड़ी जाएगी।

कृष्ण जन्म के बाद दाही हांडी (Dahi Handi ) फोड़ने का ये पर्व भी देखने लायक होता है। खासकर महाराष्ट्र में इसका अलग ही नजारा देखने को मिलता है जहां गोविंदाओं की टोली अलग-अलग जगह जाकर ऊंचाई पर बंधी मटकी फोड़ती है। मथुरा, वृंदावन और गोकुल जैसी जगहों पर भी दंही हांडी की मस्ती देखी जाती है।

मान्यता है कि बाल कृष्ण अक्सर गांव में माखन चुराने के लिए हांडी फोड़ा करते थे और इस वजह से उन्हें माखनचोर भी कहा जाता है। यह त्योहार उन्हीं को समर्पित है। इसलिए जन्माष्टमी में दही हांडी फोड़ने का भी कार्यक्रम किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि दही हांडी फोड़ने से श्री कृष्ण को अपने बचपन की याद आ जाती है और वो बहुत प्रसन्न हो जाते हैं। जन्माष्टमी में दही हांडी फोड़ने को बेहद शुभ माना जाता है। हर साल दही हांड़ी श्री कृष्ण जन्माष्टमी की अगली सुबह मनाया जाता है। आईए जानते हैं इस साल दही हांडी फोड़ने का शुभ मुहूर्त।

दही हांडी (Dahi Handi ) फोड़ने का शुभ मुहूर्त

इस वर्ष श्री कृष्ण जन्माष्टमी 6 सितंबर को मनाई जा रही है और दही हांडी ठीक उसके अगले दिन यानी 7 सितंबर को मनाई जाएगी। दही हांडी फोड़ने का शुभ मुहूर्त 7 सितंबर को सुबह से लेकर शाम तक है। इस उत्सव के दिन चौक- चौराहों, गली- मोहल्ले या फिर किसी मैदान में ऊंचाई पर एक रस्सी की मदद से दही से भरी हांडी को बांध दिया जाता है। फिर उस हांडी को फोड़ने श्री कृष्ण के भक्त दूर दूर से आते हैं जिन्हें गोविंदा कहते हैं। गोविंदाओं की टोली एक दुसरे के ऊपर चढ़ कर एक पिरामिड बनाती है और हांडी फोड़ने की कोशिश करती है। ऐसा माना जाता है कि हर साल दही हांडी भगवान श्री कृष्ण खुद फोड़ते हैं।

दही हांडी (Dahi Handi ) फोड़ने का महत्व

श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार दही हांडी के बिना अधूरा है इसलिए हर साल जन्माष्टमी में दही हांडी फोड़ने की परंपरा है। यह पर्व श्री कृष्ण को समर्पित है। दही हांडी को नंदलाल की बाल लीलाओं का प्रतीक माना जाता है। श्री कृष्ण को दूध, दही और माखन बहुत प्रिय था इसलिए बाल गोपाल बचपन में वृंदावन के आस-पड़ोस के घरों अक्सर से दूध, दही और माखन चुराया करते थे। इस वजह से श्री कृष्ण को माखन चोर भी कहा जाता है। कन्हैया से परेशान गोपियां माखन को एक हांडी में रख कर रस्सी की मदद से ऊपर लटका दिया करती थी मगर फिर भी माखनचोर अपने दोस्तों की मदद से हांडी फोड़ कर माखन की चोरी कर ही लेते थे और बड़े प्रेम से खाते थे।

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