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दनिश को तालिबानियों ने मारी थी 12 गोलियां, पार्थिव शव को कर दिया था क्षत-विक्षत

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के फोटोग्राफर दानिश सिद्दीकी  की हत्या के करीब दो हफ्ते बाद चौंकाने वाली बात सामने आई है। भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी रॉयटर्स में चीफ फोटोग्राफर थे और अफगानिस्तान की स्थिति कवर कर रहे थे। मेडिकल रिपोर्ट के जरिए जानकारी मिली है कि दानिश सिद्दीकी की हत्या तालिबान ने बेहद निर्मम तरीके से की है। यहां तक कि उनकी मौत के बाद पार्थिव शरीर को क्षत-विक्षत करने के लिए सीने पर एसयूवी गाड़ी चढ़ा दी गई।

अफगान इंटेलिजेंस ने बताया है-दानिश के शरीर में 12 गोलियां मारी गईं। कई गोलियां शरीर में मिली हैं। सभी गोलियां धड़ और शरीर के पीछे हिस्से में मिली ।

डेडबॉडी को घसीटे जाने के भी मिले निशान

इतना ही नहीं डेडबॉडी को घसीटे जाने के निशान भी मिले हैं। माना जा रहा है कि दानिश की हत्या के बाद उनके शरीर को तालिबानी आतंकियों ने घसीटा था। उनका सिर और सीना कई बार एसयूवी गाड़ियों से रौंद दिया गया था। उनके चेहरे और सीने पर टायर के निशान बिल्कुल स्पष्ट दिखाई दे रहे थे। माना जा रहा है कि उनके शरीर पर कोई भारी गाड़ी चढ़ाई गई।

क्या हुआ था घटना के दिन

दरअसल घटना के दिन अफगानी सैनिकों और तालिबान के बीच शुरुआती गोलीबारी में दानिश को चोटें आई थीं। लेकिन अफगान आर्मी अपने मिशन पर लगी रही और थोड़ी देर बाद वो दो यूनिट में बंट गई। एक यूनिट दूसरी जगह चली गई और एक यूनिट के साथ दानिश ने मस्जिद में शरण ली।

दानिश का सोशल मीडिया देखकर भड़का तालिबान

इसके बाद तालिबान की रेड यूनिट ने अफगान आर्मी पर हमला बोल दिया और सैनिकों को मौत के घाट उतारना शुरू कर दिया। ये देखकर दानिश चिल्लाए और अपने अंतरराष्ट्रीय पत्रकार होने की बात कही। उन्होंने तालिबान आतंकियों को अपनी आईडी दिखाई। आईडी लेकर आतंकियों ने उसे अपने क्वेटा स्थिति हेडक्वार्टर भेज दिया। फिर हेडक्वार्टर में दानिश का सोशल मीडिया अकाउंट चेक किया गया और पाया कि वो लगातार अफगान सेना के पक्ष में पोस्ट कर रहे हैं।

तालिबान हेडक्वार्टर की तरफ से आदेश दिया गया कि दानिश की हत्या कर दी जाए। आदेश मिलने के बाद दानिश को 12 गोलियां मारी गईं। इसके बाद उन्हें घसीटते हुए मस्जिद के बाहर लाया गया। उनकी बुलेट प्रूफ जैकेट उतार दी गई थी। हालांकि अफगानी सुरक्षा एजेंसियां अभी तक इस बात को लेकर संशय में है कि आखिर दानिश के शरीर को गाड़ी चढ़ाकर विकृत क्यों किया गया। शायद तालिबानियों को लग रहा था कि दानिश अफगानिस्तान आर्मी के साथ मिलकर तालिबान के खिलाफ काम कर रहे हैं। या फिर आतंकी चाहते थे कि दानिश की डेड बॉडी को पहचाना न जा सके।

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