बिजनौर में राम, राम…बोलकर दशरथ ने प्राण त्याग दिए। यह देखकर रामलीला स्थल दर्शकों की तालियों से गूंज उठा। लेकिन जब उन्हें पता चला कि दशरथ का पात्र निभा शख्स की सही में मौत हो गई तो हर कोई हैरत में पड़ गया।
दरअसल, मामला हसनपुर गांव का है। यहां पर सप्तमी से दशहरा तक रामलीला मंचन का आयोजन किया गया। जिसमें पूर्व प्रधान राजेन्द्र सिंह राजा दशरथ बने। रामलीला मंचन के दौरान पिता की आज्ञा से राम, सीता व लक्ष्मण वन चले गए। राजा दशरथ बने राजेंद्र ने महामंत्री सुमंत को इस आशा के साथ भेज दिया था कि वो उन्हें वन दिखाकर वापस ले आएं।
सुमंत को राम के बगैर आता देख राजा दशरथ भावुक हो गए। भगवान श्रीराम के वियोग में राम-राम चिल्लाने लगे। दो बार राम-राम कहते हुए दशरथ का अभिनय कर रहे राजेंद्र सिंह अचानक मंच पर गिर गए। सभी यही समझते रहे कि राजेंद्र सिंह ने जीवंत अभिनय किया और उन्होंने मंचन में प्राण त्याग दिए।
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पर्दा गिरा तो साथी कलाकारों ने राजेंद्र सिंह को उठाने का प्रयास किया, लेकिन वह सच में प्राण त्याग चुके थे। घटना से गांव क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। रामलीला का मंचन स्थगित कर दिया गया। माना जा रहा है कि हृदय गति रुकने से उनकी मौत हो गई।
रामलीला समिति से जुड़े गजराज सिंह ने बताया कि वो एक जन्मजात अभिनय को समर्पित कलाकार थे। मृतक राजेंद्र सिंह अपने पीछे पत्नी, तीन पुत्र, दो पुत्री छोड़ गए हैं। बीएसएफ में कार्यरत छोटे पुत्र के घर पहुंचने पर अंतिम संस्कार किया जाएगा। सीताराम, संजय चरण, पूरन आदि ग्रामीणों ने कहा की रामलीला मंचन में उनकी कमी हमेशा खलेगी।