मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक में चिन्हित आकांक्षात्मक विकास खण्डों के विकास के संबंध में विस्तृत विचार-विमर्श किया गया।
अपने सम्बोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के 100 आकांक्षात्मक विकास खंडों में प्रगति के प्रभावी अनुश्रवण के लिए संबंधित विभाग नोडल अधिकारी नामित करें। उन्होंने कहा कि संबंधित सभी विभागों के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी कम से कम महीने में एक बार प्रगति का अनुश्रवण जरूर करें। उन्होंने अनुश्रवण को बेहतर करने के लिए एनआईसी के माध्यम से 10 दिनों के अंदर डैशबोर्ड बनवाने के निर्देश दिये।
इससे पहले प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बैठक में बताया गया कि प्रदेश के 34 जिलों के 100 विकास खंडों का चयन आकांक्षात्मक विकास खंडों का चयन किया गया है। इन विकास खंडों में चिकित्सा एवं पोषण के लिए 17 इंडिकेटर्स, शिक्षा 8, कृषि एवं जल संस्थान के 12, वित्तीय समावेशन एवं आधारभूत संरचना के लिए 15 इंडिकेटर्स चिन्हित किये गये हैं। इस प्रकार 14 विभागों के 52 इंडिकेटर्स का चिन्हांकन किया गया है।
कुल 52 इंडिकेटर्स में से 34 इंडिकेटर्स का डाटा विकास खंड स्तर पर और 18 इंडिकेटर्स का डाटा जिले स्तर पर उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित किया गया है। सभी 14 विभागों द्वारा अपने विभाग से संबंधित इंडिकेटर्स का अनुश्रवण कर निर्धारित तिथि तक प्रगति आख्या नियोजन विभाग को नियमित रूप से उपलब्ध कराएंगे। बैठक में सभी संबंधित विभागों के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे। संचालन एवं प्रस्तुतीकरण प्रमुख सचिव नियोजन आमोद कुमार द्वारा किया गया।