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अवैध सम्बंधों के चलते बेटी की हत्या, कातिल मां सहित चार गिरफ्तार

mother arrested

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अवैध सम्बंधों के चलते मां ने अपने आशिकों के साथ मिलकर अपनी सात वर्षीय बेटी की हत्या करवा कर शव को नदी में फेंकवा दिया था। बाद में शव बरामद होने पर बेटी को पहचानने से इंकार कर दिया था। लेकिन पुलिस ने आठ माह की कड़ी मशक्कत के बाद बच्ची के हत्या की गुत्थी सुलझा दी और हत्या में शामिल उसकी मां समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है।

पुलिस अधीक्षक अभिनंदन ने प्रेस वार्ता कर बताया कि दयाराम परिवार लेकर अतर्रा थाना क्षेत्र अंतर्गत राजा द्विवेदी के हाता में किराए के कमरे में रहता है। परिवार में पत्नी गुड़िया एक सात साल की बेटी रंजना थी। गुड़िया का मूसानगर निवासी पड़ोसी संतोष कुमार व उसके दोस्त चित्रकूट के सुजानपुर निवासी आलोक वर्मा के साथ अवैध सम्बन्ध थे।

पिछले वर्ष रंजना ने अपनी मां को आलोक, संतोष को कमरे में आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया था। रंजना किसी को इस घटना की जानकारी न दे, इस भय से उसके प्रेमिकों ने गुड़िया के साथ मिलकर बच्ची की हत्या करने की योजना बना डाली।

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योजना के तहत 25 अक्टूबर 2020 को संतोष सात वर्षीय रंजना को अपने घर ले गया और पड़ोसी के यहां सुला दिया। अगले दिन संतोष ने अपने दोस्त आलोक को अपने घर बुलाया और उसके साथ सुदिनपुर चित्रकूट उसके घर भेज दिया। आलोक के घर वालों के एतराज करने पर संतोष अपने दूसरे दोस्त बंधु उर्फ रामेन्द्र पुत्र लक्ष्मी प्रसाद निवासी नांदी तौरा थाना पहाड़ी चित्रकूट के जरिए प्यारे लाल पुत्र रघुराज निवासी चौराहा थाना राजापुर चित्रकूट के घर छोड़ आया। इसके बाद संतोष व बंधु बच्ची को लेकर थाना कमासिन क्षेत्र में लोहरा गांव के पीर बाबा के पास पहुंचे और वहीं पर बच्ची की हत्या कर दी। शव को जलाने का प्रयास किया गया। झुलसने के बाद शव को एक बोरी में भरकर बांगैन नदी में फेंक दिया।

पांच नवम्बर 2020 को कमासिन थाना क्षेत्र में बांगैन नदी में शव मिला। शव की शिनाख्त के प्रयास किए जा रहे थे। इधर गुड़िया ने अपनी बच्ची के गुमशुदगी की रिपोर्ट अतर्रा थाने में 26 अक्टूबर को दर्ज करा दी थी। पुलिस ने कमासिन में बच्ची के शव मिलने पर मृतका की मां गुड़िया को पहचानने के लिए बुलाया, लेकिन उसने पहचानने से इंकार कर दिया। जबकि अभियोग में मां द्वारा हुलिया का हूबहू होने व पहनावा भी पंजीकृत कराए गए तरीके से मिलता-जुलता था। इसी बात पर गुड़िया पर पुलिस को शक हुआ और पुलिस नए सिरे से जांच शुरू कर दी।

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इधर पुलिस अधीक्षक अभिनंदन द्वारा अतर्रा पुलिस, सर्विलांस और एसओजी को सक्रिय किया गया। पुलिस की सर्विलांस टीम द्वारा गुमशुदा स्थल से लेकर घटनास्थल तक साक्ष्यों का संकलन किया गया। सीडीआर व बीटीएस के आधार पर सभी अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। पकड़े गए आलोक संतोष एवं बंधु तीनों दोस्त हैं और ईट भट्टा में मजदूरी व ईरिक्शा चलाकर अपना भरण-पोषण करते थे। अभियुक्तों को गिरफ्तार करने में प्रभारी निरीक्षक थाना अतर्रा अरविंद सिंह गौर, एसओजी प्रभारी आनंद कुमार और उनकी टीम का अहम योगदान रहा।

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