लखनऊ। महिलाओं के सम्मान व सुरक्षा के लिए एक ओर मुख्यमंत्री द्वारा मिशन शक्ति अभियान की शुरुआत की है। तो वहीं दूसरी ओर दो लाख रुपये की घूसखोरी की प्रत्याशा में प्रदेश की राजधानी लखनऊ के दयानन्द गर्ल्स इण्टर कालेज में नवनियुक्त महिला प्रधानाचार्या डॉ. दिव्या श्रीवास्तव को गत एक वर्ष से शिक्षाधिकारियों के यहां चक्कर लगाने के बाद भी वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा है। जिसके विरोध में 27 अक्टूबर को प्रदेशीय मंत्री एवं जिला संरक्षक डॉ. आरपी मिश्र की अगुवाई में जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पर प्रातः 10 बजे से उपवास किया जाएगा।
इसके पूर्व जिला संगठन के पदाधिकारी शिक्षा निदेशक (मा.), प्रमुख सचिव, माध्यमिक शिक्षा, उप- मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा व मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित करेगें। संघ के प्रदेशीय मंत्री व जिला संरक्षक डॉ. आरपी मिश्र ने क्वीन्स इण्टर कालेज में आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि लक्ष्मी नारायण भगवती विद्या मन्दिर गर्ल्स इण्टर कालेज की वरिष्ठ शिक्षिका डॉ. दिव्या श्रीवास्तव का माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से दयानन्द कन्या इण्टर कालेज, महानगर लखनऊ में प्रधानाचार्य के पद पर चयन हुआ था।
चयन से पूर्व डॉ. दिव्या श्रीवास्तव ने नियमानुसार विद्यालय प्रबन्धक से अनापत्ति प्राप्त की थी एवं चयन के पश्चात उसकी सूचना मौखिक एवं लिखित रूप में विद्यालय प्रबन्धक एवं प्रधानाचार्य को दे दी थी। उस समय विद्यालय प्रबन्धक द्वारा दयानन्द कन्या इं. कालेज के प्रधानाचार्य द्वारा डॉ. दिव्या श्रीवास्तव को नियुक्ति पत्र दिए जाने के बाद तत्काल कार्यमुक्त किए जाने के लिए आश्वस्त भी किया था। डॉ. दिव्या श्रीवास्तव ने बताया कि विद्यालय की प्रधानाचार्या ने कार्यमुक्त करने के लिए दो लाख रुपये की मांग की थी जिस पर असमर्थता व्यक्त किए जाने पर प्रधानाचार्य ने उस समय नाराजगी जाहिर की थी।
शिक्षक नेताओं ने बताया कि दयानन्द कन्या इं. कालेज के प्रबन्धक द्वारा नियुक्ति पत्र प्राप्त होने पर डॉ. दिव्या श्रीवास्तव ने प्रबन्धक एवं प्रधानाचार्य को एक अक्टूबर से कार्यमुक्त किए जाने की के लिए लिखित सूचना दी। प्रबन्धक ने तत्समय डॉ. दिव्या श्रीवास्तव को आश्वस्त किया था कि आप कार्य भार ग्रहण कर लीजिए बाद में एक अक्टूबर से कार्यमुक्ति प्रमाण पत्र मिल जाएगा।
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डॉ. दिव्या श्रीवास्तव ने प्रबन्धक महोदय के आवासन पर एक अक्टूबर को दयानन्द गर्ल्स इण्टर कालेज, महानगर में प्रधानाचार्या पद पर कार्यभार ग्रहण कर लिया। दो अक्टूबर को जब डॉ. दिव्या श्रीवास्तव ने विद्यालय प्रबन्धक से कार्यमुक्त प्रमाण पत्र की मांग की। तो उन्होंने कहा कि 04 अक्टूबर को प्रबन्ध समिति की बैठक है, बैठक से पास कराकर कार्यमुक्त प्रमाणपत्र दे देगें। यहां पर उल्लेखनीय है कि कार्यमुक्ति के लिए प्रबन्ध समिति के अनुमोदन की आवश्यकता नही होती क्यांकि प्रबन्ध समिति द्वारा पहले ही अनापत्ति दी जा चुकी थी।
शिक्षक नेताओं ने बताया कि प्रबन्धक द्वारा प्रबन्ध समिति की बैठक का निर्णय बताते हुए डॉ. दिव्या श्रीवास्तव को पांच अक्टूबर से कार्यमुक्ति प्रमाण पत्र दिया। यह भी अनियमित था क्यों कि डॉ. दिव्या श्रीवास्तव के पत्र के आधार पर एक अक्टूबर से ही कार्यमुक्त किया जाना था अन्यथा कोई उपयुक्त कारण बताते हुए कार्यमुक्त नही किया जाना था।
डा0 दिव्या श्रीवास्तव ने प्रबन्धक को पुनः पत्र लिखकर एक अक्टूबर, 2019 से कार्यमुक्त किये जाने का अनुरोध किया। यहां पर यह भी उल्लेखनीय है कि जिला विद्यालय निरीक्षक द्वितीय द्वारा डॉ. दिव्या श्रीवास्तव के दयानन्द कन्या इण्टर कालेज में कार्यभार ग्रहण करने के एक अक्टूबर, 2019 से ही प्रधानाचार्या के रूप में हस्ताक्षर भी प्रमाणित किए जा चुके हैं। डॉ. दिव्या श्रीवास्तव ने कार्य भार ग्रहण के दिनांक से विद्यालय के समस्त कार्य जिसमे बोर्ड परीक्षाएं, आन लाइन शिक्षण कार्य, छात्राओं के प्रवेश, बोर्ड परीक्षा एवं पजीकरण फार्म भरायें जाने सम्बन्धी सभी कार्य किए जा रहे हैं।
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शिक्षक नेताओं ने बताया कि कोरोना संक्रमण काल में गम्भीर आर्थिक संकट से जूझ रही डा0 दिव्या श्रीवास्तव ने जिला विद्यालय निरीक्षक एवं संयुक्त शिक्षा निदेशक को पत्र लिखकर वेतन भुगतान करायें जाने का अनुरोध किया। बाद में सितम्बर, 2020 को डॉ. दिव्या श्रीवास्तव ने संयुक्त शिक्षा निदेक को पत्र लिखकर वेतन भुगतान कराये जाने का अनुरोध किया।
संयुक्त शिक्षा निदेक ने आठ सितंबर को पत्र लिखकर 16 सितम्बर को विद्यालय प्रबन्धक एवं प्रधानाचार्या को बुला कर सुनवाई की तथा प्रबन्धक को एक अक्टूबर से पांच अक्टूबर तक का अवकाश स्वीकृत कर एक अक्टूबर से कार्यमुक्त किए जाने का मौखिक निर्देश दिया। डा0 दिव्या श्रीवास्तव ने एक अक्टूबर से पांच अक्टूबर तक के अवैतनिक अवका सम्बन्धी प्रार्थना पत्र प्रबन्धक को दिया जिसे प्रबन्धक ने यह कहते हुए वापस कर दिया कि प्रार्थना पत्र उपार्जित अवकाश का नही है।
जबकि एक अक्टूबर से दयानन्द कन्या विद्यालय में कार्यभार ग्रहण करने के पचात उपार्जित अवका का निर्णय दयानन्द गर्ल्स कालेज के प्रबन्धक ही ले सकते है। पूर्व विद्यालय लक्ष्मी भगवती विद्या मन्दिर गर्ल्स इण्टर कालेज के प्रबन्धक नहीं। लगता है कि विद्यालय प्रबन्धक की प्रधानाचार्या से मिलीभगत है तभी विद्यालय प्रधानाचार्या की दो लाख रूपये की मांग पूरी न होने के कारण प्रबन्धक द्वारा बहाना बता कर एक अक्टूबर से कार्यमुक्त किए जाने से मना कर दिया गया।
शिक्षक नेताओं ने कहा कि संयुक्त शिक्षा निदेक द्वारा वेतन भुगतान के लिए सुनवाई किए जाने के लगभग एक माह से अधिक बीत जाने के बाद भी वेतन भुगतान की कोई कार्यवाही नही की जा रही है जिससे डॉ. दिव्या श्रीवास्तव गम्भीर आर्थिक संकट से गुजर रही है। इसके विरोध में कोरोना गाइड लाइन्स का पालन करते हुए डॉ. दिव्या श्रीवास्तव को वेतन भुगतान न किए जाने के विरोध में 27 अक्टूबर को जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पर प्रातः 10 बजे से जिला संगठन द्वारा उपवास कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। उपवास कार्यक्रम के द्वारा अपना आक्रोश प्रदर्शित करते हुए मांग की जाएगी कि तत्काल डॉ. दिव्या श्रीवास्तव को वेतन भुगतान कराया जाए तथा सम्पूर्ण प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषी व्यक्तियों को दण्डित किया जाए।
प्रेस वार्ता में जिलाध्यक्ष डॉ. आरके त्रिवेदी, जिलामंत्री अरूण कुमार अवस्थी, दयानन्द गर्ल्स इं. कालेज की प्रधानाचार्य डॉ. दिव्या श्रीवास्तव, प्रदेशीय मंत्री नरेन्द्र कुमार वर्मा, कोषाध्यक्ष महेशचन्द्र, आय-व्यय निरीक्षक विश्वजीत सिंह, उपाध्यक्ष मीता श्रीवास्तव प्रमुख रूप से उपस्थित रहीं।