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खत्म हो गया 22 साल का रिश्ता, दयाशंकर सिंह और स्वाति सिंह का हुआ तलाक

Dayashankar Singh and Swati Singh got divorced

Dayashankar Singh and Swati Singh got divorced

लखनऊ। आज से 22 साल पहले जिस रिश्ते की शुरुआत प्रेम की बुनियाद पर हुई थी, उसका दुखद अंत हो गया। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह (Dayashankar Singh) और पूर्व मंत्री स्वाति सिंह (Swati Singh) के तलाक पर अंततः अदालत की मुहर लग गई। फैमिली कोर्ट लखनऊ के अपर प्रधान न्यायाधीश देवेन्द्र नाथ सिंह ने दोनों के विवाह को खत्म मानते हुए फैसला सुनाया।

दयाशंकर सिंह और स्वाति सिंह की शादी 18 मई 2001 को हुई थी। दयाशंकर सिंह और स्वाति सिंह के बीच के तल्ख रिश्ते किसी से छुपे नहीं थे। सियासत से लेकर आम लोगों तक सभी को मालूम था कि दोनों सिर्फ नाम के पति-पत्नी हैं और पिछले करीब 10 सालों से दोनों अलग-अलग रह रहे थे। अब दोनों कानूनी रूप से अलग हो गए।

स्वाती सिंह (Swati Singh) ने 2012 में तलाक की अर्जी दाखिल की थी, जिसको खारिज कर दिया गया था। स्वाति ने 2022 में दोबारा अर्जी देकर केस शुरू करने की अपील की थी, लेकिन अर्जी को वापस लेते हुए नई याचिका दायर की गई थी। अदालत में दयाशंकर के उपस्थित न होने पर कोर्ट ने स्वाति के साक्ष्य से सहमत होकर तलाक का फैसला लिया है।

एक दशक से दोनों के बीच संबंध नहीं

परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह (Dayashankar Singh)  और स्वाति के दो बच्चे हैं। एक बेटा और एक बेटी। दोनों स्वाति सिंह के साथ ही रहते हैं। दयाशंकर सिंह वक्त-वक्त पर अपने बच्चों से मुलाकात भी करते हैं। पिछले एक दशक से दोनों के बीच संबंध नहीं के बराबर थे, लेकिन जब दयाशंकर सिंह ने बसपा सुप्रीमो मायावती के खिलाफ विवादित बयान दिया था, तब स्वाति ने मोर्चा संभाला।

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इस दौरान दोनों पति-पत्नी के बीच फिर नजदीकी हुई थीं। फिर 2017 के विधानसभा चुनाव में दयाशंकर सिंह को टिकट नहीं मिला तो उनकी पत्नी स्वाति सिंह को बीजेपी ने टिकट दिया था। स्वाति विधायक बनीं और फिर योगी सरकार में मंत्री बनीं। उसके बाद एक बार फिर दोनों के रिश्ते बेहद खराब हो गए।

पार्टी के शीर्षस्थ नेताओं ने सुलह कराने की कोशिश की

इस बार स्वाति का टिकट काटकर बीजेपी ने दयाशंकर को बलिया से टिकट दिया था, जहां से वह विधायक हुए और उसके बाद योगी कैबिनेट में मंत्री बने। स्वाति सिंह (Swati Singh) और दयाशंकर (Dayashankar Singh)  बीच घरेलू हिंसा तक की खबरें आती रही। स्वाति, दयाशंकर पर कई तरह के आरोप लगा चुकी हैं। यहां तक की कई बार पार्टी के शीर्षस्थ नेताओं ने सुलह कराने की कोशिश की।

स्वाति सिंह (Swati Singh) ने दायर की थी तलाक की अर्जी

स्वाति सिंह को टिकट नहीं मिलना और स्वाति सिंह की जगह दयाशंकर सिंह (Dayashankar Singh)  को टिकट दिए जाने और उन्हें मंत्री बनाए जाने के बाद तो एकदम यह साफ हो गया कि अब दोनों के बीच कोई रिश्ता नहीं रह गया। स्वाति सिंह ने इस रिश्ते को खत्म करने के लिए तलाक की अर्जी दी थी जिसे अब अदालत ने मान लिया है।

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