बलिया। भाजपा (bjp) के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह (dayashankar singh) के अपने ननिहाल से विधानसभा चुनाव लड़ने की खबरों से बलिया का सियासी तापमान चढ़ा हुआ है।
दयाशंकर सिंह (dayashankar singh) बलिया (ballia) से पहले भी विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि, तब उन्हें करारी मात मिली थी।
यूपी बीजेपी के उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह के बलिया से विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर तब बल मिला, जब एक फर्जी सूची वायरल हुई। ये कयास तभी से लगाए जा रहे हैं, जब से उनकी पत्नी स्वाति सिंह का टिकट लखनऊ के सरोजिनी नगर से कटा है। दयाशंकर सिंह का बलिया से क्या नाता है, इसे जान लेना जरूरी है।
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बिहार के बक्सर जिले के सेमरी प्रखंड के छोटका राजपुर निवासी दयाशंकर सिंह के मामा मैनेजर सिंह द्वाबा (अब बैरिया) से कई बार विधायक रहे। दयाशंकर सिंह ने अपने ननिहाल में रहकर स्कूली पढ़ाई की, उसके बाद लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव के जरिए राजनीति में कदम रखा था। बाद में वे भाजपा के युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे।
उन्होंने 2007 में बलिया सदर से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। हालांकि, उन्हें करीब सात हजार ही वोट मिल सके थे। इसके बाद दयाशंकर सिंह प्रदेश भाजपा में सचिव और उपाध्यक्ष जैसे पदों तक पहुंचे। उन्होंने एमएलसी चुनाव भी लड़ा, लेकिन उसमें भी हार मिली थी।
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दयाशंकर सिंह ने 2016 में बसपा सुप्रीमो मायावती के खिलाफ कुछ ऐसे बयान दिए जो विवादित श्रेणी में रखे जाते हैं। इसके बाद विवाद सुर्खियों में आया तो पार्टी ने उन्हें उपाध्यक्ष पद से हटा दिया और उनकी पत्नी स्वाति सिंह को आगे किया गया। 2017 में दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह लखनऊ के सरोजिनी नगर से विधायक चुनी गईं और फिर दयाशंकर सिंह की भी भाजपा में वापसी हुई। फिलहाल वे प्रदेश उपाध्यक्ष हैं। उनकी पत्नी के जगह पर सरोजिनी नगर से राजेश्वर सिंह को टिकट दिया गया है। चर्चा है कि पत्नी का टिकट कटने के बाद पार्टी ने दयाशंकर सिंह को एडजस्ट करने के लिए बलिया नगर से टिकट दिया जा सकता है। हालांकि, यह आने वाले वक्त में भी पता चलेगा।