राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज कोतवाली से चंद कदमों की दूरी पर इलाके के मौजूदा ग्राम प्रधान के प्लॉट में सीमेंट फैक्ट्री के निकले हुए प्रदूषित कचरे के ढेर में 19 वर्षीय युवक का शव मिलने से हड़कंप मच गया।
जेसीबी मशीन से सीमेन्ट के कचड़े के ढेर को समतल किया जा रहा था, तभी जेसीबी ड्राइवर ने मलबे के नीचे एक युवक का शव देखा और पुलिस को सूचना दी। युवक की शिनाख्त अतरौली निवासी जीवन प्रकाश के रूप में हुई है, हालांकि परिजनों ने युवक के साथियों पर ही हत्या का आरोप लगाया है। इस पूरे मामले में पुलिस जांच कर रही है।
कुछ दिन पहले ही दूषित कचरे से सम्बंधित मामला सामने आया था। इसके बावजूद भी प्रशासन का ध्यान इस तरफ नहीं गया, जिसका खामियाजा आज एक युवक को अपनी जान देकर भुगतना पड़ा। प्राप्त जानकारी के अनुसार मोहनलालगंज बस स्टैंड के पीछे पड़े हुए खाली प्लाट पर जो कि मौजूदा ग्राम प्रधान का बताया जा रहा है, उसी प्लाट पर यूपीएएल फैक्ट्री से निकला दूषित कचड़ा प्लाट को समतल करने के लिए एकत्रित किया जा रहा था।
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आज जब उक्त प्लाट को बराबर करने के लिए कचड़े को हटाया जाने लगा तभी कचड़े के ढेर के नीचे एक युवक को दबा पाया गया। मोहनलालगंज कोतवाल जीडी शुक्ला ने घटना स्थल पर पहुंचकर युवक को जब बाहर निकलवाया तो उसको मृत पाया गया। शिनाख्त में वह 19 वर्षीय युवक मोहनलालगंज के ही अतरौली ग्राम सभा का जीवन प्रकाश कश्यप का था जो की 11 दिसम्बर को किसी शादी समारोह में अपने दोस्त के साथ बाइक से निकला था।
दबी जुबान में लोगों का कहना है कि फैक्ट्री से निकले कचरे के नीचे युवक का शव कैसे पहुंचा, मौत का कारण क्या हो सकता है? यदि यह दूषित कचड़ा न होता तो क्या उस नौजवान की जान बच सकती थी और यदि ऐसा ही है तो यह जहर भरा कचड़ा फैक्ट्री से निकल ही क्यों रहा है ? यह बात तो पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगी लेकिन फिलहाल मृतक के परिवारीजन उसके दोस्त को ही दोषी ठहरा रहे है ।