लाइफ़स्टाइल डेस्क। आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भरे ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज का ये विचार किन लोगों के साथ रहना मौत के समान है इस पर आधारित है।
‘दुष्ट पत्नी, झूठा मित्र, बदमाश नौकर और सर्प के साथ निवास, साक्षात मृत्यु के समान है।’ आचार्य चाणक्य
आचार्य चाणक्य के कहने का अर्थ है कि दुष्ट पनी, झूठा मित्र, बदमाश नौकर और सांप के साथ रहने का मतलब है कि आपकी पहले से ही मौत हो चुकी है। ऐसा इसलिए क्योंकि पत्नी, दोस्त और नौकर ये तीनों ही घर के भेदी होते हैं। इन पर आप जरूरत से ज्यादा विश्वास करते हैं। आपकी जिंदगी में हर छोटी से छोटी चीज और हर बड़ी से बड़ी चीज के बारे में आपको पता होता है।
आचार्य चाणक्य का कहना है कि अगर किसी व्यक्ति की पत्नी ठीक नहीं है तो उसका जीना दूभर है। ऐसा इसलिए क्योंकि पत्नी जीवनसाथी होती है। जीवन के हर सुख-दुख में साथ देने का वादा करती है। अगर वो पत्नी ही दुष्ट निकली तो व्यक्ति का जीवन मौत के समान ही है। ठीक इसी तरह झूठा मित्र और बदमाश नौकर का साथ पाना भी मौत के समान ही है। ऐसा इसलिए क्योंकि दोस्त दिल के बहुत करीब होते हैं। यहां तक कि कई राज में साझेदार भी होते हैं। वो आपके जीवन के हर उतार चढ़ाव से वाकिफ होते हैं।
जिस तरह से दोस्त पर इंसान आंख बंद करके भरोसा करता है। नौकर की बात करें तो लोग अपने नौकर पर अंधा विश्वास ना करें लेकिन आपके रुटीन की उन्हें पूरी जानकारी होती है। अगर नौकर ठीक ना हो तो आपके घर की लीकेज किसी और को दे सकता है। ये बाहरी आपकी दुश्मन भी हो सकता है। ऐसे ही सांप के साथ रहना खतरे खाली नहीं होता। सांप की प्रवृत्ति डसने की होती है। उसे आप कितना भी दूध पिला लें लेकिन मौका पाते ही वो आप पर हमला कर देता है। इसी वजह से आचार्य चाणक्य ने कहा है कि इन चार लोगों के साथ रहना मौत के समान होता है।