वाराणसी। श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Case) मामले में सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। आज जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट यह फैसला सुनाएगी कि मुकदमा चलने योग्य भी है कि नहीं। इस फैसले को देखते हुए कोर्ट की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। कोर्ट परिसर में करीब 250 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।
वाराणसी एसीपी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि वाराणसी में 2000 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए गए हैं। पीस कमेटियों के साथ कई स्तर की बातचीत की गई है। पुलिस अलर्ट पर है।
23 मई से चल रही है जिला कोर्ट में सुनवाई
जिला जज अजय कृष्ण ने 24 अगस्त को इस मामले में आदेश सुरक्षित रख लिया था और 12 सितंबर को फैसला सुनाने का ऐलान किया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 23 मई से जिला कोर्ट में सुनवाई चल रही है। नागरिक प्रक्रिया संहिता सीपीसी के आदेश 7 नियम 11 के तहत ये केस सुनने योग्य है या नहीं, इसी पर कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। पिछली सुनवाई में मुस्लिम पक्ष ने दलीलें दी थीं।
ऐसी है सुरक्षा व्यवस्था
बम निरोधक दस्ता भी तैनात किया गया है। डॉग स्क्वाड भी नजर रख रहा है। सिविल ड्रेस में भी पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। कोर्ट परिसर में आसपास किसी भी बाहरी व्यक्ति के खड़े होने की इजाजत नहीं है। परिसर के आस पास क्विक रिस्पॉन्स टीमों को भी तैनात किया गया। फैसला आज 12 बजे से 4 बजे के बीच में आने की उम्मीद है। इसके अलावा वाराणसी में धारा 144 लागू की गई है।
पुलिस कमिश्नर ने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरे शहर को सेक्टर्स में बांटा गया है, जिन्हें जरूरत के मुताबिक पुलिस बल आवंटित किया गया है। उन्होंने कहा कि संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च और पैदल मार्च करने के भी निर्देश जारी किए गए हैं। जिले के सीमावर्ती इलाकों, होटलों और गेस्ट हाउसों में चेकिंग तेज कर दी गई है। सोशल मीडिया पर भी नजर रखी जा रही है।
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सेक्टर स्कीम लागू की गई है। संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही फुट पेट्रोलिंग की जाएगी। PRV और QRT की टीमें सेंसिटिव पॉइंट्स पर लगाई जाएंगी। इंटर डिस्ट्रिक्ट बॉर्डर पर चेकिंग की जाएगी। होटल, धर्मशाला और गेस्ट हाउस की चेकिंग होगी। सोशल मीडिया पर लगातार मॉनिटरिंग के निर्देश दिए गए हैं।
क्या है मामला?
दरअसल, अगस्त 2021 को 5 महिलाओं ने श्रृंगार गौरी में पूजन और विग्रहों की सुरक्षा को लेकर याचिका डाली थी। इस पर सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर ज्ञानवापी का सर्वे कराने का आदेश दिया था। हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि सर्वे के दौरान नंदी के सामने स्थित कुएं में शिवलिंग मिली। जबकि मुस्लिम पक्ष का दावा था कि ये एक फव्वारा है। इसके बाद हिंदू पक्ष ने विवादित स्थल को सील करने की मांग की थी। सेशन कोर्ट ने इसे सील कर दिया था। इस आदेश के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
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सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को जिला जज को ट्रांसफर कर दिया था। साथ ही कोर्ट ने कहा था कि वजू की व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ ही शिवलिंग का एरिया सील रहेगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जिला जज अजय कृष्ण ने सुनवाई की थी और 24 अगस्त को इस मामले में आदेश सुरक्षित रख लिया था।