नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर प्रधानमंत्री आवास पर सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक (CCS Meeting) हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर, एनएसए अजीत डोभाल और अन्य लोग शामिल हुए। अधिकारियों ने बताया कि विदेश सचिव विक्रम मिस्री भी बैठक में शामिल थे। विदेश सचिव विक्रम मिस्रीने बताया कि इस बैठक vके बाद पाकिस्तान सिंधु जल समझौता खत्म कर दिया गया। अटारी चेक पोस्ट बंद कर दिया गया।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति को पहलगाम आतंकी हमले के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। उसके बाद कई अहम फैसले लिए गए हैं।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “आज शाम प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS Meeting) की बैठक हुई। CCS को पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकवादी हमले के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए थे। कई अन्य घायल हुए थे।”
उन्होंने कहा कि CCS ने इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा की और पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की आशा व्यक्त की… CCS ने ऐसी भावनाओं के लिए अपनी सराहना दर्ज की, जो आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता को दर्शाती है।
जानें क्या-क्या लिए गए फैसले
1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित रखा जाएगा, जब तक कि पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को त्याग नहीं देता।
एकीकृत चेकपोस्ट अटारी को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाएगा, जो लोग वैध अनुमोदन के साथ सीमा पार कर चुके हैं, वे 1 मई 2025 से पहले उस मार्ग से वापस आ सकते हैं।
पाकिस्तानी नागरिकों को SAARC वीजा छूट योजना (SVES) वीजा के तहत भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पाकिस्तानी नागरिकों को अतीत में जारी किए गए किसी भी SVES वीजा को रद्द माना जाएगा। SVES वीजा के तहत वर्तमान में भारत में मौजूद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक के पास भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे हैं।
नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया जाता है। उनके पास भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय है।
भारत इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को वापस बुलाएगा। संबंधित उच्चायोगों में ये पद निरस्त माने जाएंगे।
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विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा/सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया जाता है। उनके पास भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय है। भारत इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा/नौसेना/वायु सलाहकारों को वापस बुलाएगा। संबंधित उच्चायोगों में ये पद निरस्त माने जाते हैं। सेवा सलाहकारों के पांच सहायक कर्मचारियों को भी दोनों उच्चायोगों से वापस बुलाया जाएगा। 01 मई 2025 तक और कटौती करके उच्चायोगों की कुल संख्या को वर्तमान 55 से घटाकर 30 कर दिया जाएगा।”
बता दें कि पीएम मोदी बुधवार सुबह सऊदी अरब की अपनी यात्रा बीच में छोड़कर वापस लौट आए थे। वहीं, गृह मंत्री अमित शाह सुरक्षा उपायों की अगुवाई करने के लिए मंगलवार शाम श्रीनगर पहुंचे थे और बुधवार को श्रीनगर का दौरा किया और स्थिति की समीक्षा की। उसके बाद दिल्ली लौटकर सीसीएस की बैठक में हिस्सा लिया।