नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर तनातनी जारी है। इसके बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि अगर दुश्मन देश हम पर हमला करता है, तो हम हर बार की तरह करारा जवाब देंगे।
स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर सशस्त्र बलों को संबोधित करते हुए राजनाथ ने कहा कि हम राष्ट्रीय सुरक्षा के दायरे में जो कुछ भी करते हैं। हम हमेशा आत्मरक्षा के लिए करते हैं, न कि दूसरों पर हमला करने के लिए।
उन्होंने कहा कि भारत दिलों को जीतने में विश्वास रखता है, जमीन को नहीं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम किसी को भी हमारे आत्म सम्मान को ठेस पहुंचाने देंगे।
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राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों से कहा कि इतिहास इस बात का गवाह है कि भारत ने कभी किसी पर हमला नहीं किया।किसी दूसरे देश की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश नहीं की। उन्होंने कहा कि मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि सरकार वह सब कुछ कर रही है जो आपकी परिचालन आवश्यकता को बनाए रखने के लिए जरूरी है।
वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव के बीच चीन भारत को घेरने के लिए पाकिस्तान को मोहरा बनाना चाहता है। चीन एक तरफ पाकिस्तान को कश्मीर मुद्दे पर समर्थन कर रहा है। वहीं अब उसकी योजना पाकिस्तान को घातक हथियारों से लैस करने की है। राष्ट्रपति शी जिनपिंग की प्रस्तावित यात्रा को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
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पूर्व विदेश सचिव शशांक ने कहा कि यदि जिनपिंग की पाकिस्तान यात्रा होती है, तो उसमें नए रक्षा सौदे हो सकते हैं। पूर्व विदेश सचिव ने कहा चीन ने मान लिया है कि भारत के साथ मिलकर वह नहीं चल पाएगा। वह पाकिस्तान से मिलकर कुछ इस्लामिक देशों का साथ चाहेगा। पाकिस्तान के साथ हथियारों की डील कर सकता है।
उन्होंने कहा कि जिनपिंग पिछली बार पाकिस्तान गए थे तो करीब 50 समझौते हुए थे। अब चीन के साथ नए समझौते की कोशिश होगी। निश्चित रूप से भारत पर इसका असर होगा। शशांक ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा मोहरा बनने को तैयार है। उन्होंने कहा चीन ने उत्तर कोरिया को जिस तरह मदद की है वैसे ही पाकिस्तान की मदद कर रहा है। इसको आगे बढ़ाया जाएगा। चीन अगले 20 साल मे दुनिया की सबसे बड़ी सैन्य शक्ति बनना चाहता है।
शशांक ने कहा कि चीन पाकिस्तान को उत्तर कोरिया की तरह बनाना चाहेगा। साथ मे वह ईरान और अफगानिस्तान को भी साथ लेकर चलना चाहेगा। बता दें कि जिनपिंग के पाकिस्तान दौरे की तारीख अभी तय नहीं हुई है। माना जा रहा है कि पाक विदेश मंत्री इस महीने के अंत तक चीन जाएंगे। जिनपिंग को इसी साल जून में ही पाकिस्तान जाना था, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से ये दौरा नहीं हो सका।