Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

यूपी कोऑपरेटिव फेडरेशन कर्मचारी सभा का प्रतिनिधिमंडल डीएम से मिला

UP Cooperative Federation

UP Cooperative Federation

पीसीएफ के कर्मचारी नेताओं ने सोमवार को जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश से मुलाकात की। उनसे मिलकर अपनी समस्याओं के बारे में बताया। उन्हें अपना ज्ञापन सौंपा। डीएम ने उनकी कुछ मांगों के संबंध में आश्वासन दिया है।

कर्मचारी नेताओं ने चेतावनी दी है कि लंबे समय से पीसीएफ के कर्मचारी सातवें वेतनमान, मृतक आश्रितों को नौकरी समेत अन्य मांगों के संबंध में सरकार, शासन-प्रशासन को सचेत करा रहे हैं, लेकिन उनकी मांगें अभी तक लंबित हैं।

ऐसे में कर्मचारी अब आठ नवंबर को पीसीएफ मुख्यालय पर पूरी तरह से कार्य बहिष्कार करते हुए हड़ताल करेंगे। इसमें प्रदेश भर से कर्मचारी शामिल होंगे। अभी सभी कर्मचारी 22 अक्टूबर से काला फीता बांधकर विरोध जताते हुए रोजाना काम कर रहे हैं।

यूपी कोऑपरेटिव फेडरेशन कर्मचारी सभा की ओर से सोमवार को कार्यकारी अध्यक्ष सुनील कुमार और महामंत्री अनिल कुमार पांडेय व अन्य कर्मचारी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने डीएम अभिषेक प्रकाश से मुलाकात की।

निर्माणाधीन आंगनबाड़ी केन्द्रों के कार्य गुणवत्ता व समयबद्धता से पूरा किया जाये : स्वाती सिंह

सुनील व अनिल ने डीएम को कर्मचारियों से जुड़ी सभी समस्याओं और मांगों के निस्तारण के बारे में विस्तार से बताया। द्वय नेताओं ने संयुक्त रूप से बताया कि पीसीएफ उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी क्रय एजेंसी है, जो किसानों के अनाज को उचित मूल्य पर बैंकों से कर्ज लेकर खरीदती है।

किसानों को उनके अनाज का उचित मूल्य देकर सरकार के हित में काम करती है। किसानों और सरकार के हित में काम करने वाले पीसीएफ के कर्मचारी ही उपेक्षित हैं। उनकी सुनवाई नहीं हो रही है।

द्वय नेताओं ने बताया कि सरकार की नीति के समर्थन में पीसीएफ में पिछले साल में रिकॉर्ड तोड़ गेहूं और धान की खरीद की गई, जिसके क्रम में चार सौ करोड़ रुपए से ज्यादा बैंकों के ब्याज का भुगतान किया गया है। लेकिन इतने बड़े पैमाने पर सरकारी नीति का कार्य किए जाने के बाद भी आज तक प्रबंध तंत्र एवं प्रदेश के उच्च अधिकारियों को अनेक बार पत्राचार करने पर भी कर्मचारियों की मांगें पूरी नहीं हो सकी हैं। कर्मचारी सातवां वेतनमान, एसीपी, मृतक आश्रित की नौकरी, प्रोन्नति एवं ग्रेड पे आदि मांगों पूरी करने की याचना कर रहे हैं।

Exit mobile version