दिल्ली के अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान (AIIMS) में हुए साइबर अटैक के बाद सरकार से लेकर प्रबंधन तक चौकन्ना हो गया है। मंगलवार शाम साइबर-सिक्योरिटी इंसिडेंट पर दिल्ली एम्स प्रबंधन ने बयान जारी किया है, जिसमें दावा किया है कि एम्स का डेटा सर्वर पर बहाल कर दिया गया है। सेवाओं को बहाल करने से पहले नेटवर्क को सैनिटाइज किया जा रहा है। अस्पताल सेवाओं के लिए डेटा वॉल्यूम और बड़ी संख्या में सर्वर/ कंप्यूटर के कारण प्रक्रिया में कुछ समय लग रहा है। साइबर सुरक्षा के लिए उपाय भी किए जा रहे हैं। आउटपेशेंट इन-पेशेंट, लैब समेत सभी अस्पताल सेवाएं मैनुअल मोड पर चलती रहेंगी।
बता दें कि 23 नवंबर को करीब 11-12 घंटे तक AIIMS का सर्वर डाउन रहा था, उसके बाद एम्स के सिक्योरिटी ऑफिसर की शिकायत पर केस दर्ज किया गया। बड़ी बात ये है कि AIIMS दिल्ली के सर्वर पर देश की सभी बड़ी और नामचीन हस्तियों के मेडिकल रिकॉर्ड और अन्य जानकारियां हैं। इसमें राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री और कई अन्य मंत्रियों का डेटा शामिल है। ऐसे में सर्वर पर मौजूद जानकारी काफी संवेदनशील मानी जा रही हैं। इसी वजह से जब हैकिंग की संभावना सामने आई थी तुरंत साइबल सेल को सूचित किया गया और मामले की जांच शुरू कर दी गई।
एम्स का सर्वर 23 नवंबर की सुबह 7 बजे से डाउन हुआ था। 24 घंटे बाद भी सर्वर ठीक नहीं हो पाने के बाद एम्स के अफसरों ने दिल्ली पुलिस से संपर्क किया था। एम्स की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज कर लिया था। इस मामले को दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटजिक ऑपरेशन (IFSO) यूनिट को सौंप दिया गया था।
सूत्र बताते हैं कि इंडिया कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-IN), दिल्ली पुलिस, CBI और (IB) के साइबर एक्सपर्ट मामले को देख चुके हैं। एम्स में काम कर रही नेशनल इन्फोर्मेटिक्स सेंटर (NIC) की टीम ने रैनसमवेयर अटैक की आशंका जताई थी। एम्स का सर्वर NIC की टीम ही संभालती है।
एम्स सर्वर हैकिंग मसले को लेकर गृह मंत्रालय में करीब डेढ़ घंटे तक बैठक चली। हैकिंग के मामले में अभी तक जांच किस दिशा में आगे बढ़ रही है, इस बात पर चर्चा की गई। सभी संबंधित एजेंसियों दिल्ली पुलिस, आईटी मंत्रालय, एम्स प्रशासन, एनआईए, कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम के नुमाइंदों को सरकार की तरफ से जांच में कोई भी कोताही नहीं बरतने के निर्देश दिए गए।
एम्स की तरफ से कहा गया कि सर्वर को सुचारू रूप से चालू करना पहली प्राथमिकता है। NIA के साइबर expert की टीम ने भी इस मामले में मौके पर पहुंचकर जानकारी जुटाई है। रेनसमवेयर की संभावना के मद्देनजर एनआईए, दिल्ली पुलिस और दूसरी एजेंसियां जांच में मदद कर रही हैं। सूत्रों का ये भी कहना है कि जल्द ही दिल्ली पुलिस से ये मामला NIA को जांच के लिए दिया जा सकता है।