दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने 4 महिलाओं समेत 8 लोगों को जाली दस्तावेज पर क्रेडिट कार्ड बना कर बैंकों के साथ ठगी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। ये लोग जाली दस्तावेजों पर कार्ड बनवा कर जमकर खरीदारी करते थे फिर उस कार्ड तो तोड़ कर फेंक देते थे, फिर किसी नए नाम से कार्ड बनवाते थे। गिरफ्तार लोगों में से 6 एक ही परिवार के लोग शामिल हैं।
पुलिस ने कुल 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है जिनमें से 4 महिलाएं शामिल हैं. पुलिस ने इनके पास से 63 क्रेडिट और डेबिट कार्ड, 83 अलग-अलग बैंकों के चेक बुक, लाखों की ज्वेलरी और करीब 15 लाख रुपये कैश बरामद किए हैं।
आर्थिक अपराध शाखा में एक बड़े बैंक ने शिकायत दी कि 36 लोगों ने बैंक में सेविंग अकाउंट खुलवाए हैं और जांच में मिला कि जो दस्तावेज दिए गए हैं, जैसे पैन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड सभी फेक हैं और सभी 36 कस्टमर ने जो घर का पता दिया है वह एक ही पता है और वहां पर इनमें से कोई भी नहीं मिला. इन लोगों ने इसी बैंक से क्रेडिट कार्ड भी ले रखा था।
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बैंक की शिकायत पर आर्थिक अपराध शाखा ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की. शुरुआती जांच में पुलिस को पता लगा कि कुछ ही लोग हैं जो अलग-अलग नामों से जाली दस्तावेज बना रहे हैं, और बैंकों में अपने खाते खुलवा कर क्रेडिट कार्ड जारी करवा रहे हैं.। अपने दस्तावेज बनवाने के लिए यह लोग अपने हुलिए को भी बदल देते हैं। जैसे कभी किसी शख्स ने दाढ़ी रख ली तो कभी वह क्लीन शेव हो गया और अलग-अलग दस्तावेजों पर यह अकाउंट खुलवा कर बैंकों के साथ बड़ी धोखाधड़ी कर रहे हैं। पैन कार्ड और आधार कार्ड बनवाते वक्त ये लोग अपने सरनेम को भी बदल देते थे।
इसके बाद पुलिस ने बैंकों से इनके वह दस्तावेज लिए जो इन्होंने बैंक में अकाउंट खुलवाते के वक्त फॉर्म भरा था फिर उन तमाम जाली दस्तावेजों को जुटाया और संबंधित विभाग से उनकी जांच करवाई।
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जांच में पुलिस को पता लगा कि आरोपियों ने बैंक अकाउंट खोलने के लिए फर्जी पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, आधार कार्ड का जो इस्तेमाल किया है उन सब पर अपना एड्रेस अपने माता-पिता का नाम सब कुछ अलग-अलग लिखवा रखा है और हर कार्ड में जो फोटो थी, उसका हुलिया भी जहां तक हो सकता था बदलकर रखने की कोशिश की जाती थी।
अकाउंट खोलने के बाद ये तुरंत क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करते थे और क्रेडिट कार्ड मिलते ही उससे ज्वेलरी और दूसरी महंगी शॉपिंग किया करते थे। इन लोगों ने अपने स्वाइप मशीन भी रखे हुए थे जिनमें यह क्रेडिट कार्ड को स्वाइप करते और फिर बैंक से कहते कि उनके अकाउंट में पैसे नहीं आए हैं। बैंक से दूसरी तरफ से भी पैसे लेते क्रेडिट कार्ड पर लोन भी ले लेते और फिर उस मोबाइल को बंद कर देते जिसके जरिए यह क्रेडिट कार्ड और उस अकाउंट को चला रहे होते थे। और घर भी बदल देते थे।
पुलिस ने इनको पकड़ने के लिए टेक्निकल सर्विलांस का सहारा लिया उन सभी जगहों के सीसीटीवी फुटेज उठाए जहां पर ये शॉपिंग किया करते थे और जिस एटीएम से यह पैसे निकाला करते थे, इसके बाद पुलिस को इनकी असली आइडेंटिटी के बारे में पता लगा और फिर पुलिस ने रानी बाग से 8 लोगों को गिरफ्तार किया जिनमें 4 महिलाएं शामिल हैं। इनमें से 6 एक ही परिवार के सदस्य हैं।
पकड़ में आए आरोपियों के नाम अजय, अजय की पत्नी, अजय का भाई मनीष और और अजय के पिता हैं। पुलिस के मुताबिक अजय के पिता की इलेक्ट्रिक स्विच बनाने की एक फैक्ट्री रानीबाग इलाके में हुआ करती थी, लेकिन 2012-13 में इनको बहुत नुकसान हुआ जिसके बाद अजय का भाई मनीष बदमाशों के संगत में आ गया और पुलिस के मुताबिक मनीष ही इस पूरे गोरखधंधे का मास्टरमाइंड है।
पुलिस के मुताबिक इस परिवार और इनके साथियों ने अब तक दर्जन भर बैंकों को करीब 4 करोड़ रुपये का चूना लगाया है। पुलिस का कहना है कि इस मामले में अभी और लोगों की गिरफ्तारी होनी है।