दिल्ली की एक अदालत ने फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा के मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून के तहत गिरफ्तार जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद और छात्र शरजील इमाम की न्यायिक हिरासत शुक्रवार को तीन दिनों के बढ़ा दी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने विशेष अभियोजक के अनुरोध के बाद दोनों की न्यायिक हिरासत 23 नवंबर तक बढ़ा दी। वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सुनवाई के दौरान पुलिस की तरफ से पेश विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने कहा कि मामले में जांच पूरा करने के लिए जरूरी 90 दिनों की अवधि 23 नवंबर को खत्म होगी और आरोप पत्र दाखिल किया जाएगा।
दंगों की कथित साजिश रचने के मामले में खालिद और इमाम को गिरफ्तार किया गया था। जब न्यायाधीश ने प्रसाद से पूछा कि क्या पुलिस सोमवार को आरोपपत्र दाखिल करेगी, तो इस पर उन्होंने कोई खास तारीख का जिक्र नहीं किया और कहा कि वह 23 नवंबर को इस बारे में अदालत को अवगत कराएंगे।
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न्यायाधीश ने खालिद से पूछा कि क्या उन्हें तिहाड़ जेल में किसी तरह की दिक्कत भी हो रही है, जैसा कि पूर्व में उन्होंने जिक्र किया था। इस पर खालिद ने कहा, मेरी आजादी पर रोक लगाने और दुर्भावनापूर्ण जांच के अलावा, मुझे और किसी चीज से दिक्कत नहीं है।
खालिद ने पूर्व में आरोप लगाया था कि उन्हें न्यायिक हिरासत के दौरान अपने सेल से बाहर निकलने या किसी से मिलने नहीं दिया जाता। मामले पर आगे 23 नवंबर को सुनवाई होगी।