दिल्ली विधानसभा में प्रसिद्ध पर्यावरणविद एवं सर्वोदयी नेता स्वर्गीय सुंदरलाल बहुगुणा को मरणोपरांत भारत रत्न देने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित होने पर घनसाली के सिलयारा गांव में खुशी का माहौल है।
बहुगुणा से जुड़े गांव के सर्वोदय कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार से पर्यावरणविद स्व. बहुगुणा को भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग की है। सिलयारा नव जीवन मंडल आश्रम बहुगुणा की 40 वर्षों तक कर्मभूमि रही है।
उन्होंने आश्रम से शराब बंदी, चिपको आंदोलन से लेकर टिहरी बांध के विरोध में आंदोलन चलाया, जिसमें गांव की महिलाओं का उनको बडा सहयोग मिला। ग्रामीणों ने 1956 में आश्रम के लिए पांच सौ नाली भूमि दान में दी। जहां पर उन्होंने बुनियादी शिक्षा के साथ ही गो पालन और पर्यावरण शिक्षा का केंद्र बनाया।
बहुगुणा के साथ वर्षों तक कार्य कर चुके सर्वोदय कार्यकर्ता उम्मीद सिंह चौहान ने कहा कि जो कार्य उत्तराखंड की सरकार को करना चाहिए था, वह सम्मान आम आदमी पार्टी की सरकार ने करके कांग्रेस और भाजपा सरकार को आईना दिखाने का काम किया है।
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दिल्ली सरकार ने स्व. बहुगुणा के देश और विश्व के लिए किए गए अविस्मरणीय योगदान के लिए विधानसभा में उनका चित्र लगाने के साथ ही उनके परिवार को सम्मानित कर और विधानसभा में उनको भारत रत्न देने का प्रस्ताव पारित कर गेंद केंद्र सरकार के पाले में डाल दी है। सर्वोदय कार्यकर्ता त्रिलोचन घिल्डियाल, देवेंद्र बहुगुणा, साब सिंह सजवाण, केदार सिंह रौतेला आदि ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली सरकार द्वारा पारित प्रस्ताव पर विचार कर स्व. बहुगुणा को भारत रत्न देने की मांग की है।