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नेपाल में राजशाही बहाल करने की मांग, काठमांडू की सड़कों पर उमड़ा जनसैलाब

नेपाल में राजशाही बहाली की demanding restoration of monarchy in the country मांग

नेपाल में राजशाही बहाली की मांग

नई दिल्ली। नेपाल की राजधानी काठमांडू में चुनी हुई सरकार के खिलाफ प्रदर्शन जारी है। शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने देश में राजशाही की बहाली की मांग की है।

बता दें कि नेपाल में राजशाही की पुनः वापसी की मांग करते हुए शुक्रवार को कई जिलों में लोगों ने प्रदर्शन किया। साथ ही सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। बुटवल, पोखरा, बीरगंज, बिराटनगर, काठमांडू नारायनघाट समेत अधिकांश जिलों में राजशाही समर्थकों ने प्रदर्शन किया।
राष्ट्रीय शक्ति नेपाल के अध्यक्ष केशर बहादुर बिस्टा ने काठमांडू में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि देश संकट में है, लेकिन नेता राज्य को लूट रहे हैं। सत्तारूढ़ पार्टी में जारी घमासान का सबसे ज्यादा नुकसान देश को उठाना पड़ा है।

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के कहर ने नेपाल के अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य और रोजगार की कमर तोड़कर रख दी है। बड़े पैमाने पर सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार भी देखने को मिला है। यही कारण है कि देश में राजशाही समर्थक ताकतों ने एक बार फिर से सरकार के खिलाफ आंदोलन को तेज कर दिया गया है। देश के अलग-अलग हिस्सों में रैलियों को आयोजित करने के बाद राजशाही समर्थक संगठनों ने शुक्रवार को काठमांडू में जबरजस्त विरोध प्रदर्शन किया।

राजशाही समर्थक और हिंदुत्व वादी प्रदर्शनकारियों ने  यहां रैली आयोजित की 

राजशाही समर्थक और हिंदुत्व वादी प्रदर्शनकारियों ने हेटुडा, बुटवल, धनगढ़ी, नेपानगर, महेंद्रनगर, बरदिया, बिरजगंज, जनकपुर, नवापुर, पोखरा, रौतहट और बिराटनगर में रैली निकाली। राष्ट्रीय शक्ति नेपाल, गोरक्षा नेपाल, बिश्व हिंदू महासंघ, राष्ट्रीय सरोकार मंच, शिव सेना नेपाल, बीर गोरखाली और मातृभूमि समरसता नेपाल जैसे संगठन इन रैलियों में शामिल रहे।

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