समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कृषि कानून को धोखा करार देते हुये कहा कि किसानो की खुशहाली के बगैर देश तरक्की नहीं कर सकता।
श्री यादव ने सोमवार को हमीरपुर में राठ कस्बे के किसानों से वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये बातचीत में कहा कि किसान अगर खुशहाल नहीं है तो देश तरककी नहीं कर सकता है। खाद्य की आपूर्ति कर किसानों ने कोरोना संक्रमण काल में काफी मदद की लेकिन भाजपा राज में किसान दुःखी हैं। भाजपा ने उसका भरोसा तोड़ा है। नोटबंदी और जीएसटी से किसानों के हाथ खाली है। किसान को न तो मक्का, धान की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिला और नहीं उसकी आय दुगनी हुई। समाजवादी पार्टी ने जो मंडिया बनवाई उन्हें भी समाप्त कर दिया। किसान कहां जाए।
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उन्होने कहा कि कृषि सुधार सम्बंधी कानून धोखा है। भाजपा ने भारत की बदनामी कराई है। किसान आत्महत्या कर रहे हैं। इस किसान विरोधी सरकार को हटाएंगे। लाकडाउन में 90 मजदूरों के मरने पर समाजवादी पार्टी ने एक-एक लाख रूपए की मदद की। बुन्देलखण्ड का किसान गरीब है। महोबा में किसानों की आत्महत्या के मामले की जांच कराई गई थी।
श्री यादव ने ददरी में पूर्व प्रधान की हत्या को लेकर कहा कि अब तक उनकी कोई सहायता नहीं होने पर एक लाख रूपए की मदद दिलाने का आश्वासन दिया। ‘किसान संवाद‘ कार्यक्रम श्री वृंदावन साहू तथा श्री करन साहू के खेत में हुआ।
इस अवसर पर ग्राम कुल्हडा के जगमोहन राजपूत ने कहा कि किसान आवारा, पशुओं से परेशान हैं। खेत बचाना मुश्किल है। मुस्करा गांव के अली बख्श मंसूरी ने बताया कि नहर में पानी नहीं है। इसी गांव के राम विलास शुक्ला दद्दा ने कहा कि माइनर में पानी नहीं है। सिंचाई नहीं हो रही है। ग्राम इटालिया बाजार के राजनारायण लोधी ने कहा कि बीज, खाद, डीजल सब मंहगी है। खाद की एक हजार की बोरी दो हजार में हो गई है। बिजली के कटौती से पलेवा नहीं हो पा रही है।