उत्तर प्रदेश में इटावा के भर्थना में दबंगों की पिटाई से गंभीर रूप से घायल महिलाओं को एसएसपी आवास के बाहर लिटा कर लोगों ने प्रदर्शन किया। उनका आरोप था कि दबंगों ने पुलिस की मिलीभगत से निरीह महिलाओं पर जुल्म ओ सितम ढाये।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि आठ दिसंबर को हुई वारदात के बाद ना तो पीड़ितों का मेडिकल कराया गया और ना ही पुलिस ने दबंगों के खिलाफ कोई कार्रवाई की। पीड़ित परिवार दोनो महिलाओं को एसएसपी आवास तक एक गाड़ी मे लेकर आये ।
पूरा मामला भर्थना इलाके के रामायन गांव का है जहां पर पट्टे की जमीन को लेकर के राहुल और सीताराम नाम के परिवार के बीच काफी लंबे समय से विवाद चल रहा है पिछले काफी दिनों पहले भी दोनों पक्षों के बीच में झगड़े हो चुके हैं। दंबगो के हमले मे विजय रैदास की पत्नी पूजा और राहुल रैदास की पत्नी गीता गंभीर रूप से घायल हुई है । दंबगो की पिटाई से दोनो को प्राइवेट पार्ट से ब्लीडिंग हो रही है ।
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पीड़ित महिलाओं को आरोप है कि स्थानीय थाना पुलिस आरोपियों की मदद कर रही है और उनको न्याय देने का काम नहीं कर रही है जबकि दबंगों ने उनकी जमीन पर कब्जा कर उनकी पिटाई की है।
पीड़ितों के परिवार के सदस्य विजय ने बताया कि उसका परिवार पट्टे की एक जमीन पर करीब 20 साल से कब्जा किए हुए हैं लेकिन अभी कुछ दिन पहले गाॅव का एक दबंग परिवार ने उनके परिवार की दो महिलाओं को मरनासन्न कर उनकी इस जमीन पर कब्जा कर लिया है । स्थानीय पुलिस दबंगों की मदद कर रही है। घटना के चार दिन बीतने के बाद भी पीड़ितों का कोई मेडिकल नहीं कराया गया।
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पुलिस अधीक्षक ग्रामीण ओमवीर सिंह ने बताया कि पूरे मामले के सभी आने आने के बाद में पुलिस अफसरों को जांच के लिए मौके पर भेजा गया है । महिलाओं को मेडिकल के लिए भेज दिया गया है जो जानकारी उनकी तरफ से दी जा रही है । उसमें ऐसा कहा गया है कि राहुल और सीताराम नाम के दो परिवारों के बीच पट्टे की जमीन को लेकर के लंबे अरसे से विवाद चल रहा है । जिसका निस्तारण फिलहाल नहीं हो पाया और इसी वजह से मारपीट के ऐसे हालात बने हुए हैं। पुलिस पूरे मामले को लेकर के जांच करके कार्रवाई करने की बात कह रही है।
पुलिस उपाधीक्षक भर्थना चंद्रपाल सिंह ने बताया कि असल मे एसएसपी आवास के बाहर अपनी शिकायत दर्ज कराने पहुचने वाले कभी भी भर्थना थाने तक आये ही नही है फिर भी उनकी ओर से दी गई शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है । जिस जमीन पर कब्जा करने की बात कही जा रही है वो जमीन इनकी है ही नही लेकिन यह लोग गेंहू वो चुके थे इसलिए मूल मालिक के अलावा अन्य लोगो ने यह बोल दिया कि जिन्होने फसल बोई है वही फसल कटेगे भी लेकिन मामला दूसरे लोगो ने मिलकर के बिगाड दिया है ।