लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी में डेंगू (Dengue) रोधी अभियान तेज करने के बाद भी मरीजों की संख्या कम नहीं हो रही है। 24 घंटे में 45 नए मामले आए सामने। आलमबाग, इंदिरानगर व अलीगंज में डेंगू का सबसे ज्यादा प्रकोप। स्वास्थ्य विभाग में 3495 घरों व उनके आसपास का लिया जायजा। 7 घरों को नोटिस किया गया जारी। मच्छर पनपने की स्थिति में नोटिस किया गया जारी।
आज महापौर संयुक्ता भाटिया ने कन्हैया माधवपुर प्रथम वार्ड के एकतानगर में डेंगू पीड़िता से भेंट कर स्वास्थ्य की जानकारी प्राप्त की और पूरे वार्ड में सफाई, फॉगिंग और एंटीलार्वा छिड़काव का सघन अभियान चलवाया। साथ ही एकता नगर में एक घर के सामने कूलर में पानी मिलने पर डेंगू के लार्वा की जांच कराई और जमा पानी खाली करवा परिवार को डेंगू से बचाव हेतु घर में कहीं भी पानी जमा न होने देने की अपील की।
लखनऊ समेत प्रदेश में अबतक 10 लोगों की डेंगू से मौत के मामले भी सामने आए हैं।
डालीगंज रामाधीन सिंह कॉलेज के पास रहने वाला रोहित कन्नौजिया 26 एपी सेन रोड स्थित लखनऊ सिटी हॉस्पिटल में मैनेजर पद पर कार्यरत था। रोहित को करीब हफ्ते भर पहले तेज बुखार आया था। उसने दवा ली मगर कोई फायदा न हुआ। मैनेजर ने अपने निजी अस्पताल में सीबीसी व डेंगू कार्ड टेस्ट की जांच कराई। इसमें कार्ड टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई। मरीज का प्लेटलेट्स करीब 20 हजार बचे थे। वह लखनऊ सिटी हॉस्पिटल में दो दिन तक भर्ती रहा। इसी दौरान उसकी हालत में सुधार होने की बजाए बिगड़ती चली गई।
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बृहस्पतिवार देर शाम निजी अस्पताल प्रशासन ने मरीज को केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया। इस दौरान मैनेजर के प्लेटलेट्स लगातार गिरते हुए पांच हजार बचे थे। मल्टी ऑर्गन फेलियर होने पर ट्रॉमा में उसे वेंटीलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शुक्रवार सुबह करीब छह बजे इलाज दौरान उसकी मौत हो गई। ट्रॉमा प्रभारी डॉ. संदीप तिवारी के मुताबिक, मरीज 12 घंटे पहले गंभीर हालत में आया था। नतीजा उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। डेंगू से मौत बाद भी स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी तक नहीं है। लिहाजा मरीज के घर पर एंटी लार्वा व फागिंग तक नहीं हुई है। सीएमओ डॉ.मनोज के मुताबिक, टीम भेजकर सोर्स रिडएक्शन की कार्रवाई की जाएगी।