नई दिल्ली। राज्यसभा में रविवार को किसानों से संबंधित दो विधेयक ध्वनि मत के जरिए पारित हो गया है। राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने विधेयकों के खिलाफ जमकर हंगामा किया। इस बीच, 12 विपक्षी दलों ने सदन के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह के खिलाफ अविश्वास पेश किया है।
Opposition parties submit a no-confidence motion against Rajya Sabha deputy chairman Harivansh.
— ANI (@ANI) September 20, 2020
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अहमद पटेल ने उपसभापति हरिवंश पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि उपसभापति को लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करनी चाहिए, लेकिन इसके बजाए, उनके रवैये ने आज लोकतांत्रिक परंपराओं और प्रक्रियाओं को नुकसान पहुंचाया है। इसलिए हमने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया है।
राज्यसभा में कई दलों ने दोनों विधेयकों को प्रवर समिति में भेजे जाने की मांग की, लेकिन सत्तारूढ़ बीजेपी ने आरोप लगाया कि कुछ पार्टियां किसानों को गुमराह कर रही हैं। विभिन्न विपक्षी दलों ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) समाप्त करने और कॉरपोरेट जगत को फायदा पहुंचाने के लिए दोनों कृषि विधेयक लेकर आई है।
हालांकि, सरकार ने इसका खंडन करते हुए कहा कि किसानों को बाजार का विकल्प और उनकी फसलों को बेहतर कीमत दिलाने के उद्देश्य से ये विधेयक लाए गए हैं।
राज्यसभा में कृषि सुधार विधेयकों को पेश किए जाने के बाद जमकर हंगामा हुआ है। टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन सहित विपक्ष के कई नेताओं ने बिल की कॉपी फाड़ी तो उपसभापति हरिवंश पर रूल बुक फेंकने के अलावा, आसन के माइक को भी तोड़ डाला।
विधेयकों को प्रवर समिति में भेजे जाने के प्रस्ताव पर मतविभाजन की मांग को लेकर तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओ ब्रायन सहित कई सांसद चेयर तक पहुंच गए। इसके बाद सदन की कार्यवाही को कुछ देर के लिए स्थगित कर दिया गया। हालांकि, बाद में फिर से कार्यवाही शुरू हुई और सरकार ने ध्वनि मत के जरिए दोनों विधेयकों को पारित करा लिया।