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डेरेक ओ ब्रायन ने संसद में फेंकी रूल बुक, हुए सस्पेंड

राज्यसभा में चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक, 2021 मंगलवार को पेश किया गया। कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में यह बिल विचार और पारित करने के लिए पेश किया था। जिसका संसद में जोरदार विरोध किया गया। टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन विरोध जताते हुए इतने गुस्से में आ गए कि उन्होंने रूलबुक फेंक दी। संसद की मर्यादा भंग करने पर उन्हें संसद से निलंबित कर दिया गया है।

बिल पर चर्चा के दौरान, टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने बिल के पास करने के तरीके पर आपत्ति दर्ज करवाई। उन्होंने कहा कि हमें सदन के नियमों का सम्मान करते हैं। लेकिन जिस तरह से किसान बिल पास करवाया गया था, उसी तरीके से यह बिल भी पास करवाया जा रहा है। डेरेक ओ ब्रायन उस वक्त गुस्से में थे और उन्होंने संसद की रूलबुक (जो उस वक्त उनके हाथ में थी) को स्पीकर की चेयर की तरफ फेंक दिया। इसके बाद वह सदन से वॉकआउट कर गए।

इसके बाद सदन में जोरदार हंगामा हुआ और विपक्ष ने राज्यसभा से वॉकआउट किया। सदन में बिल पास होने के बाद, श्रम और रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने सदस्यों के व्यवहार की आलोचना की। उन्होंने नियम 258 का हवाला देते हुए कहा कि सेक्रेटरी जनरल पर रूल बुक फेंकना अपने आप में आपत्तिजनक अभिव्यक्ति है। सदन के किसी भी सदस्य को खासकर अगर कोई दल का नेता हो, तो ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए। वहीं सदन के नेता पियूष गोयल ने भी इस तरह के व्यवहार पर आपत्ति दर्ज करवाई।

हालांकि संसद के प्रसारण में डेरेक ओ ब्रायन को रूलबुक फेंकते दिखाया नहीं गया, लेकिन भूपेंद्र यादव और पियूष गोयल ने अपनी बात ये यह साफ कर दिया कि डेरेक ओ ब्रायन ने सदन में क्या किया था।

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राज्यसभा की कार्यवाही खत्म होने के साथ ही सदन में उनके व्यवहार की आलोचना की गई। साथी ही संसद की मर्यादा भंग करने के इस कृत्य पर उन्हें संसद से निलंबित कर दिया गया। इस फैसले पर संसद में वोटिंग की गई, जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया।

डेरेक ओ ब्रायन ने अपने निलंबन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पिछली बार उन्हें किसान बिल का विरोध करने पर निलंबित किया गया था, और इस बार बीजेपी का विरोध करने पर निलंबित किया गया है, जो खुद संसद का मजाक बना रही है। उम्मीद है कि यह बिल भी जल्दी वापस ले लिया जाएगा।

बता दें कि चुनाव कानून (संशोधन) बिल में आधार को मतदाता सूची से जोड़ने का प्रावधान है। इसके अलावा, यह लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 में पत्नी शब्द को पति/पत्नी शब्द से बदलने का भी प्रस्ताव करता है। आधार को मतदाता सूची से जोड़े जाने को लेकर विपक्ष इसका विरोध कर रहा है।

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