धर्म नगरी काशी में वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की अक्षय तृतीया पर शुक्रवार को कोरोना संकट और लॉकडाउन काल में गंगा तट के निकट रहने वाले लोगों ने पवित्र गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। कई घाटों पर लोगों ने अति उत्साह में कोरोना प्रोटोकाल को दरकिनार कर गंगा स्नान किया।
स्नान के बाद लोगों ने दान पुण्य कर मंदिरों में भी हाजिरी लगाई। घरों में भी पर्व पर लोगों ने ध्यान पूजा के बाद दान पुण्य किया। घर में खासकर ग्रामीण अंचल में लोगों ने जौ व गेहूं का सत्तू का भी सेवन किया। सैकड़ों लोगों ने पूरे दिन उपवास भी रखा है।
अक्षय तृतीया पर घर की सुख-समृद्धि के लिए जानें क्या करें और क्या न करें
बताते चले, सनातन धर्म में वैशाख माह के तृतीया अक्षय तृतीया का खास महत्व हैं। पर्व पर गंगा के साथ अन्य नदियों में स्नान-दान, व्रत पूजा पाठ लोग करते है। आज किया गया पूजन-अनुष्ठान, दान-पुण्य का फल अक्षय हो जाता है। पर्व पर दान में जल पूरित कलश, छाता, हाथ वाला पंखा देने की परम्परा है। भगवान श्रीहरि को केसर युक्त श्वेत चंदन का लेप भी लगाने की परम्परा है।