• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

इस कथा के बिना व्रत अधूरा माना जाता है देवशयनी एकादशी, जानें महत्व

Writer D by Writer D
16/07/2024
in धर्म, फैशन/शैली
0
Papmochani Ekadashi

Papmochani Ekadashi

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

हिंदू धर्म में आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के निमित्त व्रत रखा जाता है और उनकी पूजा की जाती है।

इस दिन से भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं। एकादशी व्रत के नियमों का पालन करने के अलावा व्रत कथा का भी विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) की कथा के बिना यह व्रत अधूरा माना जाता है। आइए, जानते हैं कि भगवान विष्णु चार महीने के लिए योग निद्रा में क्यों चले जाते हैं और इसके पीछे क्या कथा है।

देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) तिथि 2024

पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 16 जुलाई को रात 8.33 बजे शुरू होगी और 17 जुलाई को रात 9.02 बजे समाप्त होगी। ऐसे में देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) का व्रत उदयातिथि के अनुसार 17 जुलाई को रखा जाएगा।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) के दिन भगवान विष्णु पाताल लोक में राजा बलि के पास जाते हैं। इस व्रत को करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। भगवान विष्णु प्रसन्न होकर सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) व्रत कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार ब्रह्माजी ने नारदजी को बताया था कि सतयुग में मांधाता नामक एक चक्रवर्ती राजा का शासन था। उनके राज्य में प्रजा बहुत सुखी रहती थी, लेकिन नियति को पलटने में देर नहीं लगती है। अचानक, तीन वर्षों तक वर्षा नहीं होने के कारण राज्य में भयंकर अकाल पड़ गया।

यज्ञ, हवन, पिंडदान, कथा-व्रत आदि धार्मिक क्रियाएं कोई भी कार्य नहीं हो पा रहे थे। प्रजा ने राजा के पास जाकर अपनी व्यथा सुनाई। राजा मांधाता इस स्थिति से पहले ही परेशान थे और सोचते थे कि न जाने किस पाप के कारण यह आपदा उन पर आई है।

राजा मांधाता अपनी सेना सहित वन की ओर प्रस्थान कर, ब्रह्माजी के पुत्र अंगिरा ऋषि के आश्रम में पहुंचे। ऋषिवर ने उन्हें आशीर्वाद दिया और उनके आने का कारण पूछा। राजा ने हाथ जोड़कर कहा, महात्मन्, मैं धर्म का पालन पूरी ईमानदारी से करता हूं, लेकिन इसके बावजूद भी पिछले तीन वर्षों से मेरे राज्य में बारिश नहीं हुई है और राज्य में अकाल पड़ा हुआ है।

महर्षि अंगिरा ने कहा कि हे राजन्! सतयुग में छोटे से पाप का भी भयंकर दण्ड मिलता है। आपके राज्य में एक शूद्र तपस्या कर रहा है, जो इस युग में अनुचित माना गया है। इसी कारण आपके राज्य में वर्षा नहीं होती। जब तक वह शूद्र तपस्वी जीवित रहेगा, अकाल समाप्त नहीं होगा।

राजा मांधाता ने कहा, “हे भगवान! मेरा मन किसी निर्दोष व्यक्ति को मारने को तैयार नहीं है। कृपया कोई अन्य उपाय बताएं।” महर्षि अंगिरा उन्हें आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का व्रत करने की सलाह दी। इस व्रत के प्रभाव से उनके राज्य में अवश्य वर्षा होने की बात कही। राजा ने राजधानी लौटकर विधि-विधान से पद्मा एकादशी का व्रत किया। व्रत के प्रभाव से मूसलाधार वर्षा हुई और राज्य धन-धान्य से भर गया।

Tags: Devshayani EkadashiDevshayani Ekadashi 2024Devshayani Ekadashi datedevshayani ekadashi importanceDevshayani Ekadashi KathaDevshayani Ekadashi muhusat
Previous Post

कभी भी किसी के हाथ में दें ये चीजें, वरना रूठ जाएगी किस्मत

Next Post

कब रखा जाएगा हरियाली तीज का व्रत, पढ़िए इससे जुड़ी कथा

Writer D

Writer D

Related Posts

Marriage
धर्म

आज मांगलिक कार्यों पर लगेगा विराम, जानें कब से शुरू होंगे विवाह मुहूर्त?

11/06/2025
Ashadha
Main Slider

इस तारीख से शुरू हो रहा है आषाढ़ माह, नोट करें इस माह के त्योहार

11/06/2025
Gemstone
Main Slider

नौकरी में सफलता के लिए धारण करें ये रत्न

11/06/2025
Plants
धर्म

घर में न लगाएं ये पौधे, जीवन में लाते हैं दुर्भाग्य और बाधाएं

11/06/2025
Jyeshtha Purnima
Main Slider

ज्येष्ठ पूर्णिमा पर इन स्थानों पर जलाएं दीपक, होगी मां लक्ष्मी की विशेष कृपा

11/06/2025
Next Post
hariyali teej

कब रखा जाएगा हरियाली तीज का व्रत, पढ़िए इससे जुड़ी कथा

यह भी पढ़ें

Dispute

सब्जी खरीदने को लेकर भिड़े दो समुदाय, आठ घायल

12/10/2022

पुलिस ने सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने वाले 845 शराबियों को पकड़ा

04/02/2022
ISRO

Covid-19 ने थामी ISRO की रफ्तार, चंद्रयान-3 और गगनयान मिशन में हो सकती है देरी

17/08/2020
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version